1. परिभाषा (Definition)
सीमा कर (Tariffs) वे कर हैं जो किसी देश द्वारा आयात (Import), निर्यात (Export), या पारगमन (Transit) के समय वस्तुओं पर लगाए जाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रह, घरेलू उद्योगों की रक्षा, और व्यापार संतुलन को बनाए रखना होता है।
- तथ्य: भारत में सीमा शुल्क (Customs Duty) 1962 के सीमा शुल्क अधिनियम (Customs Act, 1962) के अंतर्गत विनियमित किया जाता है।
- प्रमुख उद्देश्य:
- घरेलू उद्योगों की रक्षा।
- विदेशी मुद्रा भंडार को सुरक्षित रखना।
- राजस्व अर्जन।
2. सीमा कर के प्रकार (Types of Tariffs)
2.1 आयात कर (Import Duties)
- परिभाषा: आयात कर उन वस्तुओं पर लगाए जाते हैं जो विदेशों से देश में लाई जाती हैं।
- उद्देश्य:
- घरेलू उत्पादों को सस्ती आयातित वस्तुओं से बचाना।
- राजस्व अर्जित करना।
- प्रकार:
- विशिष्ट कर (Specific Tariff): प्रति यूनिट वस्तु पर निश्चित शुल्क।
- उदाहरण: प्रति किलोग्राम स्टील पर ₹5 का शुल्क।
- समीकरित कर (Ad-Valorem Tariff): वस्तु के मूल्य के प्रतिशत के आधार पर शुल्क।
- उदाहरण: 10% आयात कर।
- विशिष्ट कर (Specific Tariff): प्रति यूनिट वस्तु पर निश्चित शुल्क।
- तथ्य: 2022 में भारत का आयात शुल्क औसतन 17% था।
2.2 निर्यात कर (Export Duties)
- परिभाषा: निर्यात कर उन वस्तुओं पर लगाए जाते हैं जो देश से बाहर भेजी जाती हैं।
- उद्देश्य:
- आवश्यक वस्तुओं की घरेलू उपलब्धता बनाए रखना।
- निर्यात पर अत्यधिक निर्भरता को कम करना।
- प्रमुख उदाहरण:
- भारत में लौह अयस्क (Iron Ore) के निर्यात पर कर लगाया जाता है।
- 2022 में भारत सरकार ने गेहूँ के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था।
- तथ्य: भारत ने 2022 में लौह अयस्क पर निर्यात शुल्क 50% तक बढ़ाया।
2.3 पारगमन कर (Transit Duties)
- परिभाषा: यह कर उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जो एक देश से होकर दूसरे देश में जाती हैं।
- उद्देश्य:
- परिवहन मार्गों का उपयोग करने के लिए शुल्क।
- अवैध व्यापार पर रोक।
- उदाहरण:
- पाकिस्तान के माध्यम से अफगानिस्तान जाने वाले भारतीय उत्पादों पर पारगमन कर।
- तथ्य: वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के अनुसार, पारगमन शुल्क को न्यूनतम रखना चाहिए।
2.4 संरक्षणात्मक कर (Protective Tariffs)
- परिभाषा: यह कर घरेलू उद्योगों को सस्ती आयातित वस्तुओं से बचाने के लिए लगाए जाते हैं।
- उद्देश्य:
- घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देना।
- विदेशी प्रतिस्पर्धा को नियंत्रित करना।
- उदाहरण: चीन से आयातित सस्ते स्टील पर अतिरिक्त कर।
- तथ्य: भारत ने 2020 में चीन से आयातित सौर उपकरणों (Solar Equipment) पर 20% सुरक्षा शुल्क लगाया।
2.5 राजस्व कर (Revenue Tariffs)
- परिभाषा: इसका मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रह करना है।
- उद्देश्य:
- सरकारी खजाने को बढ़ाना।
- उदाहरण: भारत में आयातित शराब और तंबाकू पर उच्च कर।
3. भारत में सीमा कर का ढाँचा (Structure of Tariffs in India)
- सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (Customs Act, 1962): आयात और निर्यात पर कर की दरें और प्रक्रियाएँ विनियमित करता है।
- केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty): विशेष वस्तुओं पर अतिरिक्त कर।
- वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) समझौते: भारत ने WTO समझौतों के तहत अपने शुल्क ढाँचे में पारदर्शिता और नियंत्रण बनाए रखा है।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ): इन क्षेत्रों में आयातित वस्तुओं पर रियायतें मिलती हैं।
4. सीमा करों के उद्देश्य (Objectives of Tariffs)
- घरेलू उद्योगों की रक्षा (Protection of Domestic Industries): सस्ती विदेशी वस्तुओं के प्रभाव को कम करना।
- राजस्व संग्रह (Revenue Collection): सरकारी खजाने में योगदान।
- व्यापार असंतुलन कम करना (Correct Trade Imbalance): आयात पर कर लगाकर व्यापार घाटे को नियंत्रित करना।
- राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security): रक्षा उपकरणों के आयात पर विशेष प्रावधान।
5. सीमा कर के प्रभाव (Impacts of Tariffs)
5.1 सकारात्मक प्रभाव (Positive Impacts)
- घरेलू उद्योगों का संरक्षण।
- सरकारी राजस्व में वृद्धि।
- विदेशी मुद्रा भंडार की सुरक्षा।
5.2 नकारात्मक प्रभाव (Negative Impacts)
- आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव।
- तस्करी (Smuggling) की संभावना बढ़ना।
6. हालिया सुधार और सरकारी पहल (Recent Reforms and Government Initiatives)
- ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India): घरेलू उत्पादन को बढ़ावा।
- ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ (Aatmanirbhar Bharat Abhiyan): आयात पर निर्भरता कम करने के प्रयास।
- 2023 सीमा शुल्क बजट प्रावधान:
- इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों पर आयात शुल्क में कमी।
- कृषि उपकरणों पर सीमा शुल्क में छूट।
7. निष्कर्ष (Conclusion)
सीमा कर (Tariffs) भारत की व्यापार नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनका उद्देश्य न केवल राजस्व बढ़ाना है, बल्कि घरेलू उद्योगों को सशक्त बनाना, व्यापार असंतुलन को नियंत्रित करना, और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना है। भारत जैसे विकासशील देशों के लिए आयात और निर्यात कर रणनीति राष्ट्रीय आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सभी व्यापार नीतियों को विश्व व्यापार संगठन (WTO) और राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों के अनुरूप बनाए रखना आवश्यक है ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में संतुलन स्थापित हो सके।