बेरोजगारी किसी भी अर्थव्यवस्था की प्रमुख समस्याओं में से एक है, जो देश के उत्पादन, आय और जीवन स्तर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
परिभाषा (Definition)
बेरोजगारी उस स्थिति को कहते हैं जब सक्षम और इच्छुक व्यक्ति, जो कार्य करने के लिए उपलब्ध है, उपलब्ध रोजगार के अवसरों के अभाव में बेरोजगार रहता है।
- विश्व बैंक: बेरोजगारी वह स्थिति है जिसमें व्यक्ति पिछले चार सप्ताह में रोजगार पाने के प्रयास में असफल रहा है।
- आईएलओ (ILO): बेरोजगारी की परिभाषा में व्यक्ति को कार्य करने के लिए तैयार, सक्षम और उपलब्ध होना चाहिए।
प्रकार (Types of Unemployment)
1. ऐच्छिक और अनैच्छिक बेरोजगारी (Voluntary and Involuntary Unemployment)
(a) ऐच्छिक बेरोजगारी (Voluntary Unemployment):
- जब कोई व्यक्ति स्वेच्छा से कार्य करने से इनकार करता है, भले ही रोजगार उपलब्ध हो।
- उदाहरण:
- अधिक वेतन या बेहतर कार्य स्थितियों की तलाश में रोजगार न करना।
(b) अनैच्छिक बेरोजगारी (Involuntary Unemployment):
- जब कोई व्यक्ति कार्य करने का इच्छुक और सक्षम हो, लेकिन रोजगार उपलब्ध न हो।
- उदाहरण:
- उद्योगों में मशीनीकरण के कारण श्रमिकों की छंटनी।
2. चक्रीय, मौसमी, और प्रच्छन्न बेरोजगारी (Cyclical, Seasonal, and Disguised Unemployment)
(a) चक्रीय बेरोजगारी (Cyclical Unemployment):
- यह बेरोजगारी व्यापार चक्र (Business Cycle) की मंदी के दौरान उत्पन्न होती है।
- कारण: आर्थिक गतिविधियों में गिरावट और मांग की कमी।
- उदाहरण:
- COVID-19 के दौरान वैश्विक बेरोजगारी में वृद्धि।
(b) मौसमी बेरोजगारी (Seasonal Unemployment):
- यह बेरोजगारी विशिष्ट मौसमों के दौरान होती है।
- उदाहरण:
- कृषि क्षेत्र में कटाई के बाद की बेरोजगारी।
- पर्यटन उद्योग में ऑफ-सीजन।
(c) प्रच्छन्न बेरोजगारी (Disguised Unemployment):
- यह स्थिति तब होती है जब किसी क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक लोग कार्य कर रहे होते हैं, लेकिन उनकी उत्पादकता शून्य के बराबर होती है।
- उदाहरण:
- ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य, जहाँ पाँच लोगों का कार्य दो लोग कर सकते हैं।
बेरोजगारी मापन के आधार (Measurement Basis)
1. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO):
- परिभाषा: एनएसओ भारत में बेरोजगारी दर को मापने के लिए पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) का उपयोग करता है।
- मापन के आधार:
- सीधा साक्षात्कार: लोगों से सीधे उनकी रोजगार स्थिति के बारे में प्रश्न।
- रोजगार की स्थिति: पूर्णकालिक या अंशकालिक।
- मापन विधियाँ:
- साप्ताहिक स्थिति (Weekly Status)
- वार्षिक स्थिति (Yearly Status)
2. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO):
- परिभाषा: ILO की परिभाषा के अनुसार, बेरोजगार वे लोग हैं जो काम करने के लिए सक्षम और इच्छुक हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा।
- मापन के आधार:
- बेरोजगारी दर = (बेरोजगार लोगों की संख्या / श्रम शक्ति) × 100।
बेरोजगारी दर = (बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या ÷ कुल श्रम शक्ति) × 100
Example:
- कुल श्रम शक्ति: 10 करोड़
- बेरोजगार व्यक्तियों की संख्या: 1 करोड़
बेरोजगारी दर = (1 करोड़ ÷ 10 करोड़) × 100 = 10%
भारत में बेरोजगारी से संबंधित आँकड़े (Key Facts and Figures)
- भारत की बेरोजगारी दर (2023):
- राष्ट्रीय स्तर: लगभग 7.8%।
- ग्रामीण क्षेत्र: लगभग 7.3%।
- शहरी क्षेत्र: लगभग 8.9%।
- विश्व में बेरोजगारी (2023):
- वैश्विक बेरोजगारी दर: 5.8%।
- भारत वैश्विक औसत से अधिक है।
- युवा बेरोजगारी (Youth Unemployment):
- 15-24 आयु वर्ग में बेरोजगारी दर 24.1%।
- COVID-19 प्रभाव:
- महामारी के दौरान बेरोजगारी दर में 20% तक की वृद्धि हुई।
सरकार की योजनाएँ (Government Initiatives for Reducing Unemployment)
- प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना (PMEGP):
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के माध्यम से रोजगार सृजन।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA):
- ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित करना।
- स्टार्टअप इंडिया:
- उद्यमिता को बढ़ावा देकर रोजगार का सृजन।
- आत्मनिर्भर भारत अभियान:
- स्वरोजगार और स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहन।