थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index – WPI)
परिभाषा (Definition):
थोक मूल्य सूचकांक (WPI) एक ऐसा सूचकांक है जो देश में थोक बाजार में वस्तुओं की कीमतों के औसत परिवर्तन को मापता है।
- यह वस्तुओं की कीमत में बदलाव को थोक स्तर पर मापता है, न कि खुदरा स्तर पर।
- भारत में WPI का उपयोग मुद्रास्फीति को मापने के लिए किया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ (Key Features):
- मूल्य स्तर का आधार: कच्चे माल और तैयार माल की कीमतों को मापा जाता है।
- आधार वर्ष: भारत में वर्तमान आधार वर्ष 2011-12 है।
- मापन समयावधि: मासिक आधार पर जारी किया जाता है।
WPI की गणना का फॉर्मूला:
WPI = (वर्तमान वर्ष का थोक मूल्य / आधार वर्ष का थोक मूल्य) × 100
उदाहरण (Example):
यदि आधार वर्ष में किसी वस्तु की कीमत ₹100 थी और वर्तमान वर्ष में यह ₹120 हो गई है:
WPI = (120 ÷ 100) × 100 = 120
WPI का महत्व (Importance of WPI):
- मुद्रास्फीति मापन: थोक स्तर पर कीमतों में वृद्धि या कमी की जानकारी।
- नीति निर्माण: यह सरकार और केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति नियंत्रण के उपाय करने में मदद करता है।
- व्यापार निर्णय: थोक व्यापारी और निर्माता इसके आधार पर कीमत तय करते हैं।
भारत में WPI के प्रमुख आँकड़े (Key Statistics):
- मई 2023 में भारत का WPI मुद्रास्फीति दर: -0.92% (Deflation)।
- थोक मूल्य सूचकांक मुख्य रूप से तीन वर्गों पर आधारित होता है:
- प्राथमिक वस्तुएँ (Primary Articles): 22.62% भार (कृषि उत्पाद, खनिज)।
- ईंधन और ऊर्जा (Fuel and Power): 13.15% भार।
- निर्मित वस्तुएँ (Manufactured Goods): 64.23% भार।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index – CPI)
परिभाषा (Definition):
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) वह सूचकांक है जो खुदरा बाजार में उपभोक्ता द्वारा खरीदी जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में बदलाव को मापता है।
- यह उपभोक्ताओं की खर्च करने की आदतों और मुद्रास्फीति को मापने के लिए उपयोग किया जाता है।
मुख्य विशेषताएँ (Key Features):
- मूल्य स्तर का आधार: खाद्य पदार्थ, वस्त्र, आवास, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की कीमतें।
- आधार वर्ष: भारत में वर्तमान आधार वर्ष 2012 है।
- मापन समयावधि: मासिक आधार पर जारी किया जाता है।
CPI की गणना का फॉर्मूला:
CPI = (वर्तमान वर्ष की कीमत / आधार वर्ष की कीमत) × 100
उदाहरण (Example):
यदि आधार वर्ष में किसी वस्तु की कीमत ₹50 थी और वर्तमान वर्ष में यह ₹60 हो गई है:
CPI = (60 ÷ 50) × 100 = 120
CPI के प्रकार (Types of CPI in India):
- CPI for Industrial Workers (CPI-IW): औद्योगिक श्रमिकों पर केंद्रित।
- CPI for Agricultural Labourers (CPI-AL): कृषि मजदूरों के लिए।
- CPI for Rural Labourers (CPI-RL): ग्रामीण मजदूरों के लिए।
- CPI (Combined): शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ताओं के लिए।
CPI का महत्व (Importance of CPI):
- मुद्रास्फीति का मापन: यह दर्शाता है कि उपभोक्ताओं को वस्तुओं और सेवाओं के लिए अधिक खर्च करना पड़ रहा है या नहीं।
- वेतन संशोधन: श्रमिकों और कर्मचारियों के वेतन में संशोधन के लिए उपयोग किया जाता है।
- सरकारी नीतियाँ: सब्सिडी, कर, और लाभ योजनाओं को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण।
भारत में CPI के प्रमुख आँकड़े (Key Statistics):
- अप्रैल 2023 में भारत का CPI मुद्रास्फीति दर: 4.7%।
- CPI का मुख्य भार (Weightage):
- खाद्य और पेय पदार्थ (Food and Beverages): 45.86%।
- ईंधन और प्रकाश (Fuel and Light): 6.84%।
- आवास (Housing): 10.07%।
WPI और CPI के बीच अंतर (Difference between WPI and CPI)
पैरामीटर | WPI (थोक मूल्य सूचकांक) | CPI (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) |
---|---|---|
मापन स्तर | थोक स्तर पर कीमत। | खुदरा स्तर पर कीमत। |
उपयोगकर्ता | निर्माता और थोक व्यापारी। | अंतिम उपभोक्ता। |
उद्देश्य | उत्पादन लागत का मापन। | उपभोक्ता खर्च का मापन। |
आधार वर्ष (भारत) | 2011-12। | 2012। |
प्रभाव | व्यापार और उद्योग। | जीवनयापन और सरकारी नीतियाँ। |
WPI और CPI दोनों देश की अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति के स्तर को मापने और उचित नीतियाँ तैयार करने में मदद करते हैं। दोनों के विभिन्न दृष्टिकोण होने के बावजूद, ये मिलकर व्यापक आर्थिक विश्लेषण प्रदान करते हैं।