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जैव विविधता: परिभाषा, स्तर और महत्त्व (Biodiversity: Definition, Levels, and Importance)


जैव विविधता की परिभाषा (Definition of Biodiversity)

जैव विविधता (Biodiversity) प्रकृति में सभी प्रकार के जीवों की विविधता और उनके पारिस्थितिकी तंत्र में परस्पर क्रियाओं को संदर्भित करती है।

  • इसमें पौधों, जानवरों, सूक्ष्मजीवों, और उनके पर्यावरणीय भूमिकाओं की विविधता शामिल है।
  • जैव विविधता शब्द का उपयोग सबसे पहले Walter G. Rosen (1985) ने किया।

जैव विविधता के स्तर (Levels of Biodiversity)

  1. आनुवंशिक विविधता (Genetic Diversity)
    • परिभाषा:
      • किसी प्रजाति के भीतर जीनों और उनके विभिन्न रूपों की विविधता।
    • उदाहरण:
      • गेहूँ की विभिन्न किस्में जैसे ‘हाइब्रिड गेहूँ’ और ‘देशी गेहूँ’।
    • महत्त्व:
      • आनुवंशिक विविधता प्रजातियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता और जलवायु अनुकूलन में मदद करती है।
    • तथ्य:
      • भारत में धान की लगभग 50,000 किस्में पाई जाती हैं।
  2. प्रजातीय विविधता (Species Diversity)
    • परिभाषा:
      • किसी विशेष क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों की संख्या।
    • उदाहरण:
      • भारतीय वन्यजीव जैसे बाघ, गंगा डॉल्फिन, और भारतीय हाथी।
    • महत्त्व:
      • प्रजातीय विविधता पारिस्थितिक स्थिरता बनाए रखती है।
    • तथ्य:
      • पृथ्वी पर ज्ञात प्रजातियों की कुल संख्या 87 लाख है, जिसमें 1.02 लाख प्रजातियाँ भारत में पाई जाती हैं।
  3. पारितंत्रीय विविधता (Ecosystem Diversity)
    • परिभाषा:
      • विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र जैसे वन, घासभूमि, जलीय, और मरुस्थल।
    • उदाहरण:
      • भारत में हिमालय, पश्चिमी घाट, और सुंदरबन जैसे विविध पारिस्थितिकी तंत्र।
    • महत्त्व:
      • यह पोषण चक्र और ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करता है।
    • तथ्य:
      • भारत दुनिया के 12 मेगाडायवर्सिटी देशों में से एक है।

जैव विविधता का महत्त्व (Importance of Biodiversity)

  1. पारिस्थितिक संतुलन (Ecological Balance):
    • जैव विविधता खाद्य श्रृंखला और पोषण चक्र बनाए रखने में मदद करती है।
  2. आर्थिक लाभ (Economic Benefits):
    • खाद्य उत्पादन, औषधि, और कच्चे माल के लिए जैव विविधता आवश्यक है।
    • उदाहरण: भारत में आयुर्वेद औषधियों के लिए लगभग 1,500 पौधों की प्रजातियाँ उपयोग की जाती हैं।
  3. सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्त्व (Cultural and Spiritual Value):
    • विभिन्न समाजों की परंपराएँ और धर्म प्रकृति पर आधारित हैं।
  4. अनुसंधान और चिकित्सा (Research and Medicine):
    • जैव विविधता नई औषधियों के विकास में मदद करती है।
    • उदाहरण: पेनिसिलिन जैसे एंटीबायोटिक कवक से प्राप्त हुए।

जैव विविधता हॉटस्पॉट (Biodiversity Hotspots)

परिभाषा (Definition)

जैव विविधता हॉटस्पॉट ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ जैव विविधता उच्च स्तर पर होती है लेकिन ये क्षेत्र अत्यधिक खतरे में होते हैं।

  • नियम:
    • क्षेत्र में कम से कम 1,500 स्थानिक प्रजातियाँ (Endemic Species) होनी चाहिए।
    • 70% से अधिक प्राकृतिक वनस्पति नष्ट हो चुकी होनी चाहिए।
    • यह अवधारणा Norman Myers (1988) ने दी।

भारत में जैव विविधता हॉटस्पॉट (Biodiversity Hotspots in India)

  1. हिमालय (Himalayas)
    • स्थान: उत्तर भारत, नेपाल, भूटान।
    • विशेषता:
      • 10,000 पौधों की प्रजातियाँ, जिनमें से 3160 स्थानिक प्रजातियाँ हैं।
  2. पश्चिमी घाट (Western Ghats)
    • स्थान: महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक।
    • विशेषता:
      • यह क्षेत्र सांपों और उभयचरों के लिए प्रसिद्ध है।
      • जैव विविधता का 7% हिस्सा यहीं है।
  3. इंडो-बर्मा (Indo-Burma)
    • स्थान: पूर्वोत्तर भारत।
    • विशेषता:
      • 13,500 पौधों की प्रजातियाँ, जिनमें से 50% स्थानिक हैं।
  4. सुंदरलैंड (Sundaland)
    • स्थान: अंडमान और निकोबार द्वीप।
    • विशेषता:
      • प्रवाल भित्तियाँ और समुद्री जैव विविधता।

वैश्विक आँकड़े (Global Facts)

  • दुनिया में कुल 36 जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं।
  • यह पृथ्वी के कुल भूभाग का 2.4% है लेकिन 50% स्थानिक प्रजातियाँ यहीं पाई जाती हैं।

स्थानिक प्रजातियाँ (Endemic Species)

परिभाषा (Definition)

स्थानिक प्रजातियाँ वे प्रजातियाँ हैं जो केवल एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में पाई जाती हैं और अन्यत्र स्वाभाविक रूप से नहीं पाई जातीं।

  • ये प्रजातियाँ उस क्षेत्र की विशिष्ट पारिस्थितिकी और पर्यावरणीय परिस्थितियों से जुड़ी होती हैं।
उदाहरण (Examples)
  1. भारत में स्थानिक प्रजातियाँ:
    • पशु:
      • भारतीय शेर (Asiatic Lion) – केवल गिर के जंगलों में पाया जाता है।
      • कश्मीर स्तनधारी हिरण (Hangul) – जम्मू और कश्मीर।
    • पौधे:
      • सागौन (Teak) और नीलगिरी (Eucalyptus) – पश्चिमी घाट।
  2. वैश्विक उदाहरण:
    • कंगारू – ऑस्ट्रेलिया।
    • लेमर – मेडागास्कर।
महत्त्व (Importance)
  • पारिस्थितिक तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में सहायक।
  • जैव विविधता संरक्षण के लिए विशेष महत्व।
तथ्य (Facts)
  • भारत में लगभग 5,000 स्थानिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
  • स्थानिक प्रजातियों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय उद्यान और संरक्षित क्षेत्र बनाए गए हैं।

विदेशी प्रजातियाँ (Exotic Species)

परिभाषा (Definition)

विदेशी प्रजातियाँ वे प्रजातियाँ हैं जो एक क्षेत्र में स्वाभाविक रूप से नहीं पाई जातीं, लेकिन मानव गतिविधियों या प्राकृतिक प्रक्रियाओं के कारण अन्य क्षेत्रों से लाई जाती हैं।

उदाहरण (Examples)
  1. भारत में विदेशी प्रजातियाँ:
    • पशु:
      • नीलगाय (Blue Bull), जिसे भारतीय मूल का नहीं माना जाता।
    • पौधे:
      • लैंटाना (Lantana camara): यह विदेशी पौधा कृषि भूमि को नुकसान पहुँचाता है।
      • वॉटर हायसिंथ (Water Hyacinth): जलीय पारिस्थितिक तंत्र को बाधित करता है।
  2. वैश्विक उदाहरण:
    • यूरोप से अमेरिका में लाया गया घोड़ा।
प्रभाव (Impact)
  • सकारात्मक प्रभाव:
    • जैव विविधता को बढ़ाने में सहायक।
    • कृषि और औद्योगिक उपयोग।
  • नकारात्मक प्रभाव:
    • स्थानिक प्रजातियों के लिए प्रतिस्पर्धा और संसाधनों की कमी।
    • पारिस्थितिक तंत्र को अस्थिर बनाना।
तथ्य (Facts)
  • विदेशी प्रजातियों की 20% से अधिक प्रजातियाँ आक्रामक प्रजातियों (Invasive Species) का रूप ले लेती हैं।

पारिस्थितिकी सेवाओं के लिए जैव विविधता का महत्त्व (Importance of Biodiversity for Ecosystem Services)

पारिस्थितिकी सेवाएँ (Ecosystem Services)

पारिस्थितिकी सेवाएँ वे लाभ हैं जो पारिस्थितिक तंत्र से मनुष्यों और अन्य जीवों को प्राप्त होते हैं। जैव विविधता इन सेवाओं को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।


1. प्रदाय सेवाएँ (Provisioning Services)

ये सेवाएँ सीधे संसाधन प्रदान करती हैं।

  • उदाहरण:
    • खाद्य स्रोत:
      • अनाज, फल, मांस, मछली।
      • तथ्य: भारत में जैव विविधता से आयुर्वेद के लिए 1,500 औषधीय पौधे प्राप्त होते हैं।
    • औषधि और कच्चा माल:
      • पेनिसिलिन और क्विनीन जैसे औषधियाँ।
    • जल और लकड़ी:
      • जंगलों से लकड़ी और जल संसाधन।

2. नियामक सेवाएँ (Regulating Services)

ये सेवाएँ पर्यावरणीय प्रक्रियाओं को नियंत्रित करती हैं।

  • उदाहरण:
    • जलवायु नियंत्रण:
      • वनों के माध्यम से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण।
      • तथ्य: अमेज़न वर्षावन हर साल लगभग 2 बिलियन टन CO₂ को अवशोषित करता है।
    • जल चक्र और प्रदूषण नियंत्रण:
      • गीलीभूमियाँ (Wetlands) जल शुद्धि में सहायक।
    • कीट नियंत्रण:
      • चमगादड़ और पक्षी जैसे जीव कीट नियंत्रण में सहायक।

3. सहायक सेवाएँ (Supporting Services)

ये सेवाएँ पारिस्थितिक तंत्र को अन्य सेवाएँ प्रदान करने में सहायक बनाती हैं।

  • उदाहरण:
    • पोषक चक्रण (Nutrient Cycling):
      • कार्बन, नाइट्रोजन, और फॉस्फोरस चक्र।
    • प्रजनन और परागण:
      • मधुमक्खियाँ और तितलियाँ।
      • तथ्य: 70% फसलों का परागण मधुमक्खियों द्वारा होता है।

4. सांस्कृतिक सेवाएँ (Cultural Services)

ये सेवाएँ मानव समाजों को सांस्कृतिक, धार्मिक, और मनोरंजन के लिए प्रेरणा प्रदान करती हैं।

  • उदाहरण:
    • धार्मिक स्थल:
      • भारतीय समाज में तुलसी और पीपल का महत्व।
    • पर्यटन:
      • वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यान।
      • तथ्य: 2022 में भारत ने वन्यजीव पर्यटन से ₹30,000 करोड़ का राजस्व अर्जित किया।

जैव विविधता पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन, मानव अस्तित्व, और आर्थिक विकास के लिए अनिवार्य है। भारत अपनी उच्च आनुवंशिक, प्रजातीय, और पारितंत्रीय विविधता के कारण वैश्विक जैव विविधता संरक्षण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैव विविधता हॉटस्पॉट जैसे क्षेत्र इस विविधता को बनाए रखने और संरक्षित करने के लिए आवश्यक हैं।

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