पर्यावरण की परिभाषा (Definition of Environment)
पर्यावरण वह समग्र प्रणाली है जिसमें सभी जीवित (जैविक) और निर्जीव (अजैविक) घटक एक-दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। यह जीवों के जीवन को बनाए रखने का आधार प्रदान करता है।
- उदाहरण:
एक जंगल का पर्यावरण, जिसमें पेड़, मिट्टी, जानवर, पानी, और जलवायु सभी एक-दूसरे से जुड़े हैं।
पर्यावरण का क्षेत्र (Scope of Environment)
- भौतिक क्षेत्र (Physical Scope):
- वायुमंडल (Atmosphere), जलमंडल (Hydrosphere), स्थलमंडल (Lithosphere)।
- उदाहरण: वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड का बढ़ना।
- जैविक क्षेत्र (Biological Scope):
- जीवों का पारस्परिक संबंध और पारिस्थितिक प्रक्रियाएँ।
- उदाहरण: शाकाहारी और मांसाहारी के बीच खाद्य जाल।
- सामाजिक क्षेत्र (Social Scope):
- मानव गतिविधियाँ जैसे शहरीकरण और औद्योगिकरण।
- आँकड़ा:
- 2022 में भारत में शहरीकरण दर 34.9% थी।
पर्यावरण के घटक (Components of Environment)
1. अजैविक घटक (Abiotic Components)
अजैविक घटक वे भौतिक और रासायनिक तत्व हैं जो जीवों के जीवन को प्रभावित करते हैं।
- उदाहरण:
- जल, वायु, तापमान, खनिज, मिट्टी।
- तथ्य:
- पृथ्वी का 71% भाग जल से ढका है, जिसमें केवल 3% मीठा जल है।
- भूमिका:
- जैविक घटकों को ऊर्जा और पोषण प्रदान करना।
2. जैविक घटक (Biotic Components)
जैविक घटक पर्यावरण में मौजूद सभी जीवित प्राणी हैं।
- श्रेणियाँ:
- उत्पादक (Producers): जैसे पौधे, जो सूर्य के प्रकाश से भोजन बनाते हैं।
- उपभोक्ता (Consumers): जैसे शाकाहारी (गाय), मांसाहारी (शेर)।
- अपघटक (Decomposers): जैसे कवक, जो मृत जीवों को विघटित करते हैं।
- उदाहरण:
- एक तालाब में मछली, शैवाल, और सूक्ष्मजीव।
पारिस्थितिकी एवं पारितंत्र (Ecology and Ecosystem)
पारिस्थितिकी की अवधारणा (Concept of Ecology)
पारिस्थितिकी जीवों और उनके पर्यावरण के बीच अंतःक्रियाओं का अध्ययन है।
- परिभाषा:
“पारिस्थितिकी” शब्द का प्रयोग अर्न्स्ट हैकल ने 1866 में किया। - उदाहरण:
- जंगल में हिरण और शेर का संबंध।
- महत्व:
- यह पर्यावरणीय संतुलन को समझने में मदद करता है।
पारितंत्र की अवधारणा (Concept of Ecosystem)
पारितंत्र जैविक और अजैविक घटकों का एक संतुलित तंत्र है जो ऊर्जा और पोषक चक्रों के माध्यम से जुड़ा होता है।
- परिभाषा:
- इसे पहली बार A.G. Tansley ने 1935 में परिभाषित किया।
- उदाहरण:
- एक तालाब जिसमें पानी, मछली, शैवाल, और सूरज की ऊर्जा शामिल है।
पारितंत्र की संरचना (Structure of Ecosystem)
- जैविक घटक (Biotic Components):
- उत्पादक (Producers):
- जैसे पौधे, जो प्रकाश संश्लेषण करते हैं।
- तथ्य:
- पृथ्वी पर हर साल 104.9 बिलियन टन कार्बन का उत्पादन पौधे करते हैं।
- उपभोक्ता (Consumers):
- प्राथमिक (हिरण), द्वितीयक (बाघ), तृतीयक (गिद्ध)।
- अपघटक (Decomposers):
- जैसे कवक और बैक्टीरिया, जो मृत पदार्थों को विघटित करते हैं।
- उत्पादक (Producers):
- अजैविक घटक (Abiotic Components):
- भौतिक: जैसे तापमान (25°C), प्रकाश।
- रासायनिक: जैसे कार्बन, नाइट्रोजन।
पारितंत्र का कार्य (Functions of Ecosystem)
- ऊर्जा प्रवाह (Energy Flow):
- ऊर्जा का प्रवाह एक-दिशात्मक होता है।
- उदाहरण: सूर्य → उत्पादक → उपभोक्ता।
- पोषक चक्र (Nutrient Cycling):
- नाइट्रोजन और कार्बन चक्र।
- तथ्य:
- वायुमंडल में नाइट्रोजन की मात्रा 78% है।
- स्थायित्व (Homeostasis):
- पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखना।
पारितंत्र के प्रकार (Types of Ecosystems)
1. स्थलीय पारितंत्र (Terrestrial Ecosystems)
- उदाहरण:
- जंगल, रेगिस्तान, घास के मैदान।
- तथ्य:
- पृथ्वी का 29% भाग स्थलीय पारितंत्र है।
- विशेषताएँ:
- जलवायु और तापमान का मुख्य प्रभाव।
2. जलीय पारितंत्र (Aquatic Ecosystems)
- उदाहरण:
- मीठे पानी के तालाब, समुद्र।
- तथ्य:
- समुद्र में 97% जल है।
- विशेषताएँ:
- जल की गहराई और प्रकाश का प्रभाव।
3. कृत्रिम पारितंत्र (Artificial Ecosystems)
- उदाहरण:
- कृषि प्रणाली, जलाशय।
- विशेषताएँ:
- मानव नियंत्रण पर निर्भर।
पारिस्थितिक सिद्धांत (Ecological Principles)
1. ऊर्जा प्रवाह का सिद्धांत (Principle of Energy Flow)
- ऊर्जा का प्रवाह हमेशा एक दिशा में होता है।
- उदाहरण:
सूर्य → पौधे → हिरण → शेर।
2. पोषक चक्र का सिद्धांत (Principle of Nutrient Cycling)
- पोषक तत्व जैसे कार्बन और नाइट्रोजन का पुनः उपयोग।
- तथ्य:
- प्रत्येक वर्ष 210 गीगाटन कार्बन का चक्रण होता है।
3. जैव विविधता का सिद्धांत (Principle of Biodiversity)
- जैव विविधता पारिस्थितिक तंत्र को स्थिर बनाती है।
- उदाहरण:
- अमेज़न वन में सबसे अधिक जैव विविधता है।
4. पारिस्थितिक स्थायित्व का सिद्धांत (Principle of Ecological Stability)
- संतुलित पारितंत्र अधिक स्थिर होता है।
- उदाहरण:
- अपघटक पोषक तत्व लौटाते हैं, जिससे चक्र संतुलित रहता है।