परिचय: अम्ल (Acids)
अम्ल वे रासायनिक यौगिक हैं जिनका स्वाद आमतौर पर खट्टा होता है, वे नीले लिटमस पेपर को लाल कर देते हैं, और क्षारों के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं। “अम्ल” शब्द लैटिन शब्द ‘acidus’ से आया है, जिसका अर्थ है खट्टा।
अम्ल की अवधारणाएं
1. आरहेनियस की अवधारणा (Arrhenius Concept)
इस अवधारणा के अनुसार, अम्ल वे पदार्थ हैं जो जलीय विलयन में हाइड्रोजन आयन (H⁺) देते हैं।
उदाहरण: HCl(aq) → H⁺(aq) + Cl⁻(aq)
2. ब्रोंस्टेड-लोरी की अवधारणा (Brønsted-Lowry Concept)
यह एक अधिक व्यापक परिभाषा है। इसके अनुसार, अम्ल वे पदार्थ हैं जो किसी अन्य पदार्थ को प्रोटॉन (H⁺) दान कर सकते हैं।
उदाहरण: HCl + H₂O → H₃O⁺ + Cl⁻ (यहाँ HCl प्रोटॉन दाता है)।
3. लुईस की अवधारणा (Lewis Concept)
यह सबसे व्यापक परिभाषा है। इसके अनुसार, अम्ल वे पदार्थ हैं जो एक इलेक्ट्रॉन युग्म (electron pair) ग्रहण कर सकते हैं।
उदाहरण: BF₃, AlCl₃ (इनके केंद्रीय परमाणु का अष्टक अपूर्ण होता है)।
अम्लों के गुण
भौतिक गुण
- स्वाद में खट्टे होते हैं।
- प्रबल अम्ल संक्षारक (corrosive) होते हैं।
- इनके जलीय विलयन विद्युत के सुचालक होते हैं।
रासायनिक गुण
- धातुओं से अभिक्रिया: सक्रिय धातुएं अम्लों से अभिक्रिया करके हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं।
उदाहरण: Zn(s) + 2HCl(aq) → ZnCl₂(aq) + H₂(g) - क्षारों से अभिक्रिया (उदासीनीकरण): अम्ल क्षारों से अभिक्रिया करके लवण और जल बनाते हैं।
उदाहरण: HCl(aq) + NaOH(aq) → NaCl(aq) + H₂O(l) - धातु कार्बोनेट और बाइकार्बोनेट से अभिक्रिया: ये अभिक्रिया करके लवण, जल और कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनाते हैं।
उदाहरण: Na₂CO₃(s) + 2HCl(aq) → 2NaCl(aq) + H₂O(l) + CO₂(g)