परिचय: प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Current)
प्रत्यावर्ती धारा (AC) वह विद्युत धारा है जिसका परिमाण समय के साथ लगातार बदलता रहता है और दिशा एक निश्चित समय के बाद आवर्ती रूप से उत्क्रमित (reverse) हो जाती है। इसके विपरीत, दिष्ट धारा (DC) की दिशा और परिमाण नियत रहते हैं।
- हमारे घरों में आने वाली बिजली AC होती है। भारत में इसकी आवृत्ति 50 Hz है।
- बैटरी या सेल से प्राप्त धारा DC होती है।
AC से संबंधित महत्वपूर्ण पद
शिखर मान (Peak Value, I₀ or V₀)
प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टेज का अपने एक चक्र में प्राप्त अधिकतम मान।
वर्ग माध्य मूल (RMS) मान
AC का RMS मान उस DC मान के बराबर होता है जो समान समय में समान प्रतिरोध में उतनी ही ऊष्मा उत्पन्न करेगा जितनी AC करती है। घरों में बताई जाने वाली वोल्टेज (जैसे 220V) RMS मान ही होती है।
सूत्र
Iᵣₘₛ = I₀ / √2 ≈ 0.707 I₀
Vᵣₘₛ = V₀ / √2 ≈ 0.707 V₀
ट्रांसफार्मर (Transformer)
ट्रांसफार्मर एक ऐसी युक्ति है जो अन्योन्य प्रेरण (mutual induction) के सिद्धांत पर कार्य करती है और इसका उपयोग प्रत्यावर्ती वोल्टेज को बढ़ाने या घटाने के लिए किया जाता है।
- उच्चायी ट्रांसफार्मर (Step-up Transformer): निम्न वोल्टेज को उच्च वोल्टेज में बदलता है (द्वितीयक कुंडली में फेरों की संख्या अधिक होती है)।
- अपचायी ट्रांसफार्मर (Step-down Transformer): उच्च वोल्टेज को निम्न वोल्टेज में बदलता है (द्वितीयक कुंडली में फेरों की संख्या कम होती है)।
- यह केवल AC पर कार्य करता है, DC पर नहीं।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: भारत में घरेलू विद्युत आपूर्ति 220 V पर होती है। इस आपूर्ति में वोल्टेज का शिखर मान क्या है?
हल:
दिया गया मान RMS मान होता है।
Vᵣₘₛ = 220 V
सूत्र: Vᵣₘₛ = V₀ / √2
V₀ = Vᵣₘₛ × √2
V₀ = 220 × 1.414
V₀ ≈ 311 V
अतः, वोल्टेज का शिखर मान लगभग 311 वोल्ट होता है।