प्रत्यावर्ती धारा (Alternating Currents)
1. प्रत्यावर्ती धारा क्या है? (What is Alternating Current?)
प्रत्यावर्ती धारा (AC) वह धारा है, जिसका मान और दिशा समय के साथ बदलती रहती है। यह आमतौर पर एक साइनसोइडल वेव के रूप में व्यक्त की जाती है। घरेलू और औद्योगिक विद्युत आपूर्ति में प्रत्यावर्ती धारा का उपयोग किया जाता है।
2. प्रत्यावर्ती धारा का गणितीय निरूपण (Mathematical Representation of AC)
प्रत्यावर्ती धारा को निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:
I(t) = I0 sin(ωt + φ)
जहाँ:
I(t)
= समयt
पर धारा (Current at timet
)I0
= अधिकतम धारा (Peak Current)ω
= कोणीय वेग (Angular Frequency)φ
= प्रारंभिक चरण कोण (Initial Phase Angle)
3. प्रत्यावर्ती धारा के गुणधर्म (Properties of AC)
- AC की दिशा और परिमाण समय के साथ बदलते रहते हैं।
- AC में विद्युत ऊर्जा को लंबी दूरी तक आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है।
- AC को ट्रांसफार्मर की सहायता से वोल्टेज को बढ़ाया या घटाया जा सकता है।
4. औसत और RMS मान (Average and RMS Value)
प्रत्यावर्ती धारा और वोल्टेज के लिए औसत और RMS मान निम्नलिखित हैं:
- औसत मान: AC का औसत मान शून्य होता है।
- RMS मान:
IRMS = I0 / √2
5. प्रत्यावर्ती धारा के अनुप्रयोग (Applications of AC)
- घरेलू उपयोग: विद्युत उपकरण जैसे पंखे, बल्ब, और हीटर।
- औद्योगिक उपयोग: मशीनों और मोटरों को चलाने के लिए।
- विद्युत पारेषण: लंबी दूरी तक ऊर्जा स्थानांतरण।
6. उदाहरण (Example)
मान लें कि एक प्रत्यावर्ती धारा का अधिकतम मान
I0 = 10 A
है। इसका RMS मान ज्ञात करें।IRMS = I0 / √2
IRMS = 10 / 1.414
IRMS ≈ 7.07 A
अतः, RMS मान
7.07 A
होगा।