परिचय: एम्पीयर का परिपथीय नियम
एम्पीयर का परिपथीय नियम (Ampere’s Circuital Law) विद्युत धारा और उसके द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र के बीच संबंध स्थापित करता है। यह नियम बायो-सेवर्ट नियम का एक वैकल्पिक रूप है और विशेष रूप से सममित धारा वितरण (symmetrical current distributions) के लिए चुंबकीय क्षेत्र की गणना को बहुत सरल बना देता है।
नियम का कथन और सूत्र
कथन: “किसी बंद वक्र (closed loop) के परितः चुंबकीय क्षेत्र (B) का रेखीय समाकलन (line integral) उस वक्र द्वारा घिरे क्षेत्रफल से गुजरने वाली कुल विद्युत धारा (Iₑₙ) का μ₀ गुना होता है।”
सूत्र
∮ B · dl = μ₀Iₑₙ
जहाँ μ₀ निर्वात की चुंबकशीलता है।
एम्पीयर के नियम के अनुप्रयोग (Applications)
1. अनंत लंबाई के सीधे तार के कारण चुंबकीय क्षेत्र
एक अनंत लंबे सीधे तार, जिसमें I धारा प्रवाहित हो रही है, से ‘r’ दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता:
सूत्र
B = (μ₀I) / (2πr)
2. लंबी परिनालिका (Solenoid) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र
एक लंबी परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र एकसमान और उसकी अक्ष के अनुदिश होता है।
सूत्र
B = μ₀nI
जहाँ ‘n’ प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या है (n = N/L)।
3. टोराइड (Toroid) के अंदर चुंबकीय क्षेत्र
एक टोराइड एक अंतहीन परिनालिका है जिसे एक वृत्त के रूप में मोड़ा गया है। इसके अंदर चुंबकीय क्षेत्र एकसमान होता है।
सूत्र
B = (μ₀NI) / (2πr)
जहाँ ‘N’ फेरों की कुल संख्या है और ‘r’ टोराइड की औसत त्रिज्या है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: 20 cm लंबी एक परिनालिका में 500 फेरे हैं और इसमें 2 A की धारा प्रवाहित हो रही है। परिनालिका के अंदर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है:
L = 20 cm = 0.2 m
N = 500
I = 2 A
μ₀ = 4π × 10⁻⁷ T·m/A
प्रति इकाई लंबाई में फेरों की संख्या (n) = N / L = 500 / 0.2 = 2500 फेरे/मीटर
सूत्र: B = μ₀nI
B = (4π × 10⁻⁷) × 2500 × 2
B = 4π × 5000 × 10⁻⁷
B = 20000π × 10⁻⁷ = 2π × 10⁻³ T
B ≈ 6.28 × 10⁻³ T