एम्पियर का नियम और इसका अनुप्रयोग (Ampere’s Law and Its Applications)
1. एम्पियर का नियम क्या है? (What is Ampere’s Law?)
एम्पियर का परिपथीय नियम (Ampere’s Circuital Law) चुंबकीय क्षेत्र और धारा के बीच संबंध को व्यक्त करता है। यह कहता है कि किसी बंद परिपथ में चुंबकीय क्षेत्र और उस परिपथ में प्रवाहित कुल धारा का गुणनफल चुंबकीय स्थिरांक (μ0) के बराबर होता है।
∮ B · dl = μ0 I
जहाँ:
B
= चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field)dl
= बंद परिपथ का छोटे भाग का वेक्टर (Small Element of the Loop)I
= परिपथ के भीतर कुल धारा (Total Current Enclosed)μ0
= निर्वात में चुंबकीय स्थिरांक (Magnetic Permeability = 4π × 10-7 T·m/A)
2. एम्पियर के नियम के अनुप्रयोग (Applications of Ampere’s Law)
- सीधी धारा वाले तार का चुंबकीय क्षेत्र: एम्पियर के नियम का उपयोग लंबी सीधी धारा वाले तार के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र को निकालने में किया जा सकता है।
- सोलिनॉयड का चुंबकीय क्षेत्र: सोलिनॉयड के अंदर चुंबकीय क्षेत्र का मान निकालने में सहायक।
- टोरॉइडल का चुंबकीय क्षेत्र: टोरॉइडल कॉइल में चुंबकीय क्षेत्र की गणना के लिए।
3. सीधी धारा वाले तार के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field Around a Straight Wire)
सीधी धारा वाले तार के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र का मान एम्पियर के नियम से निकाला जा सकता है:
B = (μ0 I) / (2πr)
जहाँ:
r
= तार से दूरी (Distance from the Wire)I
= धारा (Current)
4. सोलिनॉयड के अंदर चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field Inside a Solenoid)
सोलिनॉयड के अंदर चुंबकीय क्षेत्र का मान:
B = μ0 n I
जहाँ:
n
= प्रति इकाई लंबाई कुंडलियों की संख्या (Number of Turns per Unit Length)
5. उदाहरण (Example)
मान लें कि एक सोलिनॉयड में प्रति मीटर 500 कुंडलियां हैं और उसमें 2 A की धारा प्रवाहित हो रही है। सोलिनॉयड के अंदर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करें।
B = μ0 n I
B = (4π × 10-7) × 500 × 2
B ≈ 6.28 × 10-4 T
अतः, सोलिनॉयड के अंदर चुंबकीय क्षेत्र का मान 6.28 × 10-4 टेस्ला है।