परिचय: संधारित्र और धारिता
संधारित्र (Capacitor)
संधारित्र एक ऐसी युक्ति है जो विद्युत ऊर्जा को विद्युत क्षेत्र के रूप में संग्रहीत करती है। इसमें सामान्यतः दो चालक प्लेटें होती हैं जिन्हें एक परावैद्युत (dielectric) माध्यम द्वारा अलग किया जाता है।
धारिता (Capacitance)
किसी चालक की धारिता (C) उसकी विद्युत आवेश (Q) संग्रहीत करने की क्षमता का माप है, जब उसके सिरों पर एक निश्चित विभवांतर (V) लगाया जाता है।
सूत्र
C = Q / V
धारिता का SI मात्रक फैरड (Farad, F) है।
समांतर प्लेट संधारित्र (Parallel Plate Capacitor)
यह सबसे सामान्य प्रकार का संधारित्र है, जिसमें दो समांतर चालक प्लेटें होती हैं। इसकी धारिता निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:
- प्लेटों का क्षेत्रफल (A)
- प्लेटों के बीच की दूरी (d)
- प्लेटों के बीच के माध्यम की विद्युतशीलता (ε)
सूत्र
C = εA / d
निर्वात या वायु के लिए, ε = ε₀, जहाँ ε₀ निर्वात की विद्युतशीलता है।
संधारित्र में संग्रहीत ऊर्जा
एक संधारित्र को आवेशित करने में किया गया कार्य उसमें विद्युत स्थितिज ऊर्जा के रूप में संग्रहीत हो जाता है।
सूत्र
U = ½CV² = Q²/2C = ½QV
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: एक समांतर प्लेट संधारित्र की प्रत्येक प्लेट का क्षेत्रफल 200 cm² है और प्लेटों के बीच की दूरी 2 mm है। यदि इसे 100 V की बैटरी से जोड़ा जाए तो इसमें कितना आवेश संग्रहीत होगा? (ε₀ = 8.85 × 10⁻¹² F/m)
हल:
दिया है:
A = 200 cm² = 200 × 10⁻⁴ m² = 2 × 10⁻² m²
d = 2 mm = 2 × 10⁻³ m
V = 100 V
1. धारिता (C) की गणना:
C = ε₀A / d
C = (8.85 × 10⁻¹²) × (2 × 10⁻²) / (2 × 10⁻³)
C = 8.85 × 10⁻¹¹ F
2. संग्रहीत आवेश (Q) की गणना:
Q = CV
Q = (8.85 × 10⁻¹¹) × 100
Q = 8.85 × 10⁻⁹ C या 8.85 nC