परिचय: कोशिका क्या है?
कोशिका (Cell) सभी ज्ञात सजीवों की संरचनात्मक, कार्यात्मक और जैविक इकाई है। यह जीवन की सबसे छोटी इकाई है। कोशिकाओं को अक्सर “जीवन का निर्माण खंड” (Building Blocks of Life) कहा जाता है। एक कोशिका स्वयं में एक संपूर्ण जीव हो सकती है (जैसे अमीबा), या यह एक बहुकोशिकीय जीव (जैसे मनुष्य) का हिस्सा हो सकती है।
कोशिका की खोज
कोशिका की खोज 1665 में रॉबर्ट हुक द्वारा की गई थी। उन्होंने कॉर्क की एक पतली परत में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचनाएं देखीं और उन्हें ‘सेल’ (Cell) नाम दिया, जिसका लैटिन में अर्थ ‘छोटा कमरा’ होता है। हालांकि, उन्होंने केवल मृत कोशिका भित्ति को देखा था। जीवित कोशिका को सबसे पहले एंटनी वॉन ल्यूवेनहॉक ने देखा।
कोशिका के प्रकार (Types of Cell)
केंद्रक की उपस्थिति के आधार पर कोशिकाएं मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं:
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1. प्रोकैरियोटिक कोशिका (Prokaryotic Cell): इनमें वास्तविक केंद्रक नहीं होता है, जिसका अर्थ है कि आनुवंशिक पदार्थ (DNA) किसी झिल्ली से घिरा नहीं होता है। ये सरल संरचना वाली होती हैं।
उदाहरण: जीवाणु (Bacteria) और आर्किया (Archaea)। -
2. यूकैरियोटिक कोशिका (Eukaryotic Cell): इनमें एक सुविकसित केंद्रक होता है जो झिल्ली से घिरा होता है। इनमें विभिन्न प्रकार के झिल्ली-बद्ध कोशिकांग भी पाए जाते हैं।
उदाहरण: पादप कोशिका (Plant Cell), जंतु कोशिका (Animal Cell), कवक (Fungi)।
प्रमुख कोशिकांग और उनके कार्य (Major Cell Organelles and their Functions)
1. कोशिका झिल्ली (Cell Membrane)
यह कोशिका को बाहरी वातावरण से अलग करती है और पदार्थों के आने-जाने को नियंत्रित करती है। इसे चयनात्मक पारगम्य झिल्ली भी कहते हैं।
2. केंद्रक (Nucleus)
इसे कोशिका का ‘मस्तिष्क’ या ‘नियंत्रण केंद्र’ कहा जाता है। इसमें कोशिका का आनुवंशिक पदार्थ (DNA) होता है और यह कोशिका की गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
3. माइटोकॉन्ड्रिया (Mitochondria)
इसे कोशिका का ‘पावरहाउस’ या ‘ऊर्जा घर’ कहते हैं। यह कोशिकीय श्वसन द्वारा ATP (एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के रूप में ऊर्जा उत्पन्न करता है।
4. राइबोसोम (Ribosome)
यह प्रोटीन संश्लेषण का स्थल है। इसलिए इसे ‘प्रोटीन की फैक्ट्री’ कहा जाता है। ये प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक दोनों में पाए जाते हैं।
5. एंडोप्लाज्मिक रेटिकुलम (Endoplasmic Reticulum – ER)
यह झिल्लियों का एक नेटवर्क है जो प्रोटीन और लिपिड के संश्लेषण और परिवहन में मदद करता है। यह दो प्रकार का होता है: चिकना (Smooth ER) और खुरदरा (Rough ER)।
6. गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
इसे कोशिका का ‘ट्रैफिक पुलिस’ या ‘पैकेजिंग सेंटर’ कहते हैं। यह पदार्थों को पैक, संशोधित और स्रावित करता है।
7. लाइसोसोम (Lysosome)
इन्हें ‘आत्मघाती थैली’ (Suicidal Bags) कहा जाता है। इनमें शक्तिशाली पाचक एंजाइम होते हैं जो बाहरी पदार्थों और खराब हो चुके कोशिकांगों को पचाते हैं।
8. कोशिका भित्ति (Cell Wall)
यह केवल पादप कोशिकाओं, कवक और जीवाणुओं में पाई जाती है। यह कोशिका को संरचनात्मक समर्थन और सुरक्षा प्रदान करती है। यह सेलूलोज की बनी होती है।
निष्कर्ष
कोशिका जीवन की एक अद्भुत और जटिल इकाई है। इसकी संरचना और कार्यप्रणाली को समझना जीव विज्ञान के अध्ययन का आधार है। प्रत्येक कोशिकांग का एक विशिष्ट कार्य होता है, और वे सभी मिलकर एक जीव को जीवित रखने के लिए सामंजस्य में काम करते हैं।