वृतीय गति (Circular Motion)
परिचय (Introduction)
जब कोई वस्तु एक निश्चित त्रिज्या (Radius) की परिधि पर वृत्ताकार पथ (Circular Path) पर गति करती है, तो उसे वृतीय गति (Circular Motion) कहा जाता है। यह गति एक नियत दूरी पर केंद्र के चारों ओर होती है।
प्रकार (Types)
- समान वृतीय गति (Uniform Circular Motion): जब वस्तु की वेग की परिमाण (Magnitude of Velocity) स्थिर रहती है, लेकिन दिशा बदलती है।
- असमान वृतीय गति (Non-Uniform Circular Motion): जब वस्तु की वेग की परिमाण भी बदलती है।
महत्वपूर्ण परिभाषाएँ (Important Definitions)
1. कोणीय विस्थापन (Angular Displacement)
केंद्र के सापेक्ष किसी वस्तु का कोणीय परिवर्तन। इसे θ (थीटा) द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
2. कोणीय वेग (Angular Velocity)
समय के प्रति इकाई में होने वाला कोणीय विस्थापन।
सूत्र: ω = θ / t
जहाँ ω (ओमेगा) कोणीय वेग है।
3. आवर्त काल (Time Period)
एक पूर्ण चक्र को पूरा करने में लगने वाला समय।
प्रतीक: T
4. आवृत्ति (Frequency)
प्रति सेकंड होने वाले चक्रों की संख्या।
सूत्र: f = 1 / T
5. रैखिक वेग (Linear Velocity)
वृत्तीय पथ पर वस्तु का त्वरित वेग।
संबंध: v = ω × r
जहाँ v रैखिक वेग है और r त्रिज्या है।
केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल (Centripetal Force)
वृत्तीय गति में वस्तु को केंद्र की ओर खींचने वाला बल।
सूत्र: Fc = (m × v2) / r
या Fc = m × ω2 × r
जहाँ m द्रव्यमान है।
केन्द्रीय अभिकेन्द्रण त्वरण (Centripetal Acceleration)
वृत्तीय गति में दिशा परिवर्तन के कारण होने वाला त्वरण।
सूत्र: ac = v2 / r
या ac = ω2 × r
महत्वपूर्ण सूत्र (Important Formulas)
- रैखिक वेग और कोणीय वेग का संबंध: v = ω × r
- परिधि (Circumference): C = 2πr
- आवर्त काल और रैखिक वेग का संबंध: v = (2πr) / T
- केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल: Fc = (m × v2) / r
- केन्द्रीय अभिकेन्द्रण त्वरण: ac = v2 / r
परीक्षा उपयोगी तथ्य (Exam-Relevant Facts)
- समान वृतीय गति में वस्तु का रैखिक वेग बदलता है क्योंकि दिशा बदलती है, हालांकि वेग की परिमाण स्थिर रहती है।
- केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल वास्तविक बल नहीं है, बल्कि गति की दिशा में परिवर्तन के कारण उत्पन्न होता है।
- कृत्रिम उपग्रहों की कक्षा में बनाए रखने के लिए आवश्यक गति वृतीय गति के सिद्धांतों पर आधारित होती है।
- वृतीय गति में, कार्य (Work) शून्य होता है क्योंकि केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल और विस्थापन परस्पर लंबवत होते हैं।
- कोणीय वेग का SI मात्रक रेडियन प्रति सेकंड (radian per second) है।
- आवर्त काल (T) और आवृत्ति (f) एक-दूसरे के प्रतिलोम होते हैं: T = 1 / f
- जब कोई वाहन वक्र मार्ग पर चलता है, तो टायरों का घर्षण बल केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल प्रदान करता है।
- गति के नियमों में, वृतीय गति के अध्ययन में न्यूटन के द्वितीय नियम का प्रयोग किया जाता है।
- कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण उत्पन्न करने के लिए अंतरिक्ष यान में वृतीय गति का उपयोग किया जाता है।
- वृतीय गति में, यदि त्रिज्या को आधा कर दिया जाए और रैखिक वेग समान रहे, तो केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल दुगुना हो जाएगा।
व्यावहारिक उदाहरण (Practical Examples)
- कृत्रिम उपग्रहों का पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करना।
- रिसर्च लैब में सेंट्रिफ्यूज मशीन का उपयोग पदार्थों को अलग करने के लिए।
- झूले (मैरिगो-राउंड) में बैठी हुई व्यक्ति की वृतीय गति।
- इलेक्ट्रॉन का नाभिक के चारों ओर परिक्रमा करना (बोहर मॉडल में)।
- गाड़ी का वक्र मार्ग पर घूमना।
संबंधित मात्रक और प्रतीक (Related Units and Symbols)
मात्रा (Quantity) |
प्रतीक (Symbol) |
SI मात्रक (SI Unit) |
---|---|---|
कोणीय विस्थापन (Angular Displacement) |
θ (थीटा) | रेडियन (Radian) |
कोणीय वेग (Angular Velocity) |
ω (ओमेगा) | रेडियन/सेकंड (Rad/s) |
रैखिक वेग (Linear Velocity) |
v | मीटर/सेकंड (m/s) |
त्रिज्या (Radius) |
r | मीटर (m) |
द्रव्यमान (Mass) |
m | किलोग्राम (kg) |
केन्द्रीय अभिकेन्द्रण बल (Centripetal Force) |
Fc | न्यूटन (N) |
केन्द्रीय अभिकेन्द्रण त्वरण (Centripetal Acceleration) |
ac | मीटर/सेकंड2 (m/s2) |
आवर्त काल (Time Period) |
T | सेकंड (s) |
आवृत्ति (Frequency) |
f | हर्ट्ज (Hz) |
सतही वेग (Tangential Velocity)
वृत्त की परिधि पर वस्तु का रैखिक वेग, जो वृत्त की स्पर्श रेखा (Tangent) के साथ होता है।
सूत्र: vt = ω × r
सतही त्वरण (Tangential Acceleration)
जब वृत्तीय गति असमान होती है, तो वस्तु का सतही त्वरण होता है।
सूत्र: at = α × r
जहाँ α (एल्फा) कोणीय त्वरण (Angular Acceleration) है।
संयुक्त त्वरण (Total Acceleration)
असमान वृतीय गति में कुल त्वरण:
सूत्र: a = √(at2 + ac2)