संक्षारण व उसे रोकने के उपाय
संक्षारण क्या है?
संक्षारण (Corrosion) वह प्रक्रिया है जिसमें धातु अपनी सतह पर रासायनिक अभिक्रियाओं के कारण अपक्षय (Degradation) करती है। यह प्रक्रिया सामान्यतः ऑक्सीजन, पानी, या अन्य रासायनिक एजेंटों की उपस्थिति में होती है।
संक्षारण के प्रकार
- सामान्य संक्षारण: पूरी सतह पर समान रूप से संक्षारण।
- पिटिंग संक्षारण: धातु की सतह पर छोटे-छोटे गड्ढों का निर्माण।
- गैल्वेनिक संक्षारण: दो अलग-अलग धातुओं के संपर्क में आने पर संक्षारण।
- क्रेविस संक्षारण: छोटी दरारों या छेदों में होने वाला संक्षारण।
संक्षारण के प्रभाव
- धातु की ताकत और संरचनात्मक स्थिरता कम हो जाती है।
- अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- औद्योगिक उपकरणों और मशीनों का जीवनकाल कम हो जाता है।
संक्षारण रोकने के उपाय
- गैल्वनाइजेशन: धातु की सतह पर जस्ता (Zinc) की कोटिंग लगाना।
- पेंटिंग: धातु पर पेंट की परत लगाकर ऑक्सीजन और पानी के संपर्क से बचाना।
- एनोडिक प्रोटेक्शन: धातु को एक बलिदानशील एनोड (Sacrificial Anode) से जोड़ना।
- कैथोडिक प्रोटेक्शन: धातु को कैथोड के रूप में उपयोग कर विद्युत प्रवाह से बचाना।
- अलॉयिंग: धातु में क्रोमियम (Chromium) और निकल (Nickel) जैसे तत्व मिलाकर स्टेनलेस स्टील बनाना।
उदाहरण
- लोहा (Iron): पानी और ऑक्सीजन के संपर्क में आने पर जंग (Rust) बनाता है।
- तांबा (Copper): हरे रंग का ताम्र कार्बोनेट (Copper Carbonate) बनाता है।
- एल्यूमिनियम (Aluminium): ऑक्साइड की पतली परत बनाकर स्वयं को बचाता है।
विशेष तथ्य
- गैल्वनाइजेशन का उपयोग मुख्य रूप से पाइप और टैंक को संरक्षित करने के लिए किया जाता है।
- स्टेनलेस स्टील में 10% से अधिक क्रोमियम होता है, जो इसे जंग-रोधी बनाता है।
- कैथोडिक प्रोटेक्शन का उपयोग पानी के नीचे की संरचनाओं में किया जाता है।