डी ब्रॉग्ली संबंध (De Broglie Relation)
1. डी ब्रॉग्ली संबंध क्या है? (What is De Broglie Relation?)
डी ब्रॉग्ली संबंध (De Broglie Relation) बताता है कि प्रत्येक गतिशील कण, चाहे वह कितना भी छोटा या बड़ा हो, एक तरंग प्रकृति प्रदर्शित करता है।
2. डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य (De Broglie Wavelength)
किसी कण का तरंगदैर्घ्य निम्नलिखित समीकरण से निर्धारित किया जा सकता है:
λ = h / p
जहाँ:
λ
= डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्यh
= प्लांक का नियतांक (6.626 × 10-34 J·s)p
= कण का संवेग (p = mv)
3. डी ब्रॉग्ली सिद्धांत के मुख्य बिंदु (Key Points of De Broglie Theory)
- कण तरंगदैर्घ्य का मूल्य उसकी गति और द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
- डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य सूक्ष्म कणों (इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन) में स्पष्ट रूप से देखा जाता है।
- इस तरंगदैर्घ्य को अधिक स्पष्ट रूप से प्रायोगिक रूप से देखा जा सकता है, जैसे इलेक्ट्रॉन विवर्तन प्रयोग में।
4. अनुप्रयोग (Applications)
- इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी में।
- क्वांटम यांत्रिकी में।
- अर्धचालक यंत्रों (Semiconductors) में।
5. उदाहरण (Numerical Example)
उदाहरण:
प्रश्न: एक इलेक्ट्रॉन (m = 9.11 × 10-31 kg) 3 × 106 m/s की गति से चल रहा है। इसका डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य ज्ञात करें।
उपयोग करें:
λ = h / p
औरp = mv
λ = h / (m × v)
λ = (6.626 × 10-34) / (9.11 × 10-31 × 3 × 106)
λ = (6.626 × 10-34) / (2.733 × 10-24)
λ ≈ 2.42 × 10-10 m
उत्तर: डी ब्रॉग्ली तरंगदैर्घ्य 2.42 × 10-10 मीटर होगा।