गैसों का विसरण
गैसों का विसरण क्या है?
गैसों का विसरण (Diffusion of Gases) वह प्रक्रिया है जिसमें एक गैस के अणु दूसरी गैस में स्वतः मिश्रित हो जाते हैं, और यह प्रक्रिया अणुओं की गति और दाब पर निर्भर करती है।
इसका अध्ययन ग्राहम के विसरण के नियम (Graham’s Law of Diffusion) द्वारा किया जाता है।
ग्राहम का विसरण का नियम (Graham’s Law of Diffusion)
यह नियम बताता है कि एक गैस का विसरण (या पारगमन) उसकी मोलर द्रव्यमान के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपाती (Inversely Proportional) होता है।
गणितीय रूप:
r1 / r2 = √(M2 / M1)
जहाँ:
- r1, r2: गैसों की विसरण दर
- M1, M2: गैसों के मोलर द्रव्यमान
उदाहरण (Example)
यदि हाइड्रोजन (H2) और ऑक्सीजन (O2) की विसरण दर ज्ञात करनी हो, तो:
rH2 / rO2 = √(MO2 / MH2)
जहाँ:
- MH2 = 2 g/mol
- MO2 = 32 g/mol
तो:
rH2 / rO2 = √(32 / 2) = √16 = 4
अतः हाइड्रोजन की विसरण दर ऑक्सीजन से 4 गुना अधिक है।
मुख्य बिंदु (Key Points)
- गैसों का विसरण दाब, तापमान, और गैस के मोलर द्रव्यमान पर निर्भर करता है।
- हल्की गैसें भारी गैसों की तुलना में अधिक तेजी से विसरित होती हैं।
- यह प्रक्रिया गैसों के मिश्रण और परिवहन को समझने में सहायक है।
महत्व (Significance)
- विसरण गैसों के मिश्रण, गंध का फैलाव, और वायुमंडलीय प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- यह रासायनिक और औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोगी है, जैसे गैस पृथक्करण।