परिचय: डॉप्लर प्रभाव (Doppler Effect)
डॉप्लर प्रभाव तरंग के स्रोत और प्रेक्षक (observer) के बीच सापेक्ष गति के कारण तरंग की आवृत्ति में होने वाला आभासी परिवर्तन है। यह प्रभाव ध्वनि तरंगों और प्रकाश तरंगों दोनों में देखा जाता है।
- जब स्रोत और प्रेक्षक एक-दूसरे के करीब आते हैं, तो आभासी आवृत्ति बढ़ जाती है (ध्वनि तेज सुनाई देती है, प्रकाश नीला दिखाई देता है)।
- जब स्रोत और प्रेक्षक एक-दूसरे से दूर जाते हैं, तो आभासी आवृत्ति घट जाती है (ध्वनि धीमी सुनाई देती है, प्रकाश लाल दिखाई देता है)।
डॉप्लर प्रभाव का सूत्र
ध्वनि के लिए डॉप्लर प्रभाव का सामान्य सूत्र है:
सूत्र
f’ = f [ (v ± vₒ) / (v ∓ vₛ) ]
जहाँ:
- f’ = आभासी आवृत्ति (Apparent Frequency)
- f = वास्तविक आवृत्ति (Actual Frequency)
- v = माध्यम में ध्वनि का वेग
- vₒ = प्रेक्षक का वेग (Velocity of Observer)
- vₛ = स्रोत का वेग (Velocity of Source)
चिह्न परिपाटी: वेगों को धनात्मक माना जाता है जब वे स्रोत से प्रेक्षक की ओर निर्देशित होते हैं।
अनुप्रयोग (Applications)
- खगोल विज्ञान: तारों और आकाशगंगाओं की गति का अध्ययन करने के लिए। दूर जाती आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश में रेडशिफ्ट (redshift) ब्रह्मांड के विस्तार का प्रमाण है।
- मौसम विज्ञान: मौसम रडार डॉप्लर प्रभाव का उपयोग करके तूफानों और वर्षा की गति और दिशा का पता लगाते हैं।
- चिकित्सा: डॉप्लर अल्ट्रासाउंड का उपयोग रक्त वाहिकाओं में रक्त के प्रवाह की गति को मापने के लिए किया जाता है।
- यातायात पुलिस: वाहनों की गति मापने के लिए स्पीड गन डॉप्लर प्रभाव के सिद्धांत पर कार्य करती है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: एक ट्रेन 30 m/s की गति से एक स्थिर प्रेक्षक की ओर आ रही है। यदि ट्रेन के हॉर्न की वास्तविक आवृत्ति 500 Hz है, तो प्रेक्षक द्वारा सुनी गई आभासी आवृत्ति क्या होगी? (हवा में ध्वनि का वेग 330 m/s है)।
हल:
दिया है:
f = 500 Hz
v = 330 m/s
vₛ = 30 m/s (स्रोत प्रेक्षक की ओर आ रहा है, इसलिए नीचे माइनस चिह्न)
vₒ = 0 m/s (प्रेक्षक स्थिर है)
सूत्र: f’ = f [ (v + vₒ) / (v – vₛ) ]
f’ = 500 [ (330 + 0) / (330 – 30) ]
f’ = 500 [ 330 / 300 ]
f’ = 500 × 1.1
f’ = 550 Hz