डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect)
1. डॉपलर प्रभाव क्या है? (What is the Doppler Effect?)
डॉपलर प्रभाव (Doppler Effect) उस घटना को कहते हैं, जिसमें स्रोत और प्रेक्षक के बीच सापेक्ष गति के कारण स्रोत से उत्सर्जित तरंगों की आवृत्ति या तरंगदैर्ध्य में परिवर्तन होता है। यदि स्रोत और प्रेक्षक एक-दूसरे के करीब आते हैं, तो आवृत्ति बढ़ती है, और अगर वे दूर जाते हैं, तो आवृत्ति घटती है।
2. डॉपलर प्रभाव का गणितीय सूत्र (Mathematical Formula of Doppler Effect)
प्रेक्षक द्वारा सुनी गई आवृत्ति (f’) निम्नलिखित सूत्र द्वारा दी जाती है:
f’ = f (v + vo) / (v – vs)
जहाँ:
- f’ = प्रेक्षक द्वारा सुनी गई आवृत्ति (Observed Frequency)
- f = स्रोत की वास्तविक आवृत्ति (Actual Frequency of Source)
- v = माध्यम में ध्वनि का वेग (Speed of Sound in Medium)
- vo = प्रेक्षक का वेग (Velocity of Observer)
- vs = स्रोत का वेग (Velocity of Source)
3. डॉपलर प्रभाव के प्रकार (Types of Doppler Effect)
- स्रोत और प्रेक्षक एक-दूसरे की ओर: आवृत्ति बढ़ जाती है।
- स्रोत और प्रेक्षक एक-दूसरे से दूर: आवृत्ति घट जाती है।
- प्रेक्षक स्थिर और स्रोत गति में: आवृत्ति बदलती है, स्रोत की गति पर निर्भर करती है।
- स्रोत स्थिर और प्रेक्षक गति में: आवृत्ति बदलती है, प्रेक्षक की गति पर निर्भर करती है।
4. उदाहरण (Example)
मान लें कि एक एम्बुलेंस की सायरन की वास्तविक आवृत्ति 500 Hz है और यह 20 m/s की गति से एक स्थिर प्रेक्षक की ओर बढ़ रही है। यदि माध्यम में ध्वनि का वेग 340 m/s है, तो प्रेक्षक द्वारा सुनी गई आवृत्ति होगी:
f’ = f (v + vo) / (v – vs)
यहाँ:
- f = 500 Hz
- v = 340 m/s
- vo = 0 (प्रेक्षक स्थिर है)
- vs = 20 m/s
f’ = 500 × (340) / (340 – 20) = 529.41 Hz
अतः, प्रेक्षक द्वारा सुनी गई आवृत्ति 529.41 Hz होगी।
5. डॉपलर प्रभाव के अनुप्रयोग (Applications of Doppler Effect)
- रेडार प्रणाली में: वाहन की गति मापने में डॉपलर प्रभाव का उपयोग किया जाता है।
- अंतरिक्ष विज्ञान में: तारों और आकाशगंगाओं की गति का पता लगाने के लिए।
- मेडिकल इमेजिंग: रक्त प्रवाह का माप डॉपलर प्रभाव पर आधारित होता है।