प्रकाश का द्वैत स्वरूप (Dual Nature of Light)
1. प्रकाश का द्वैत स्वरूप क्या है? (What is the Dual Nature of Light?)
प्रकाश का द्वैत स्वरूप (Dual Nature of Light) यह सिद्धांत बताता है कि प्रकाश में दोहरी प्रकृति होती है:
- तरंग प्रकृति (Wave Nature): प्रकाश तरंगों के रूप में व्यवहार करता है, जैसे परावर्तन, अपवर्तन, व्यतिकरण और विवर्तन।
- कण प्रकृति (Particle Nature): प्रकाश कणों (फोटॉनों) के रूप में व्यवहार करता है, जैसे फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव और कॉम्पटन प्रभाव।
2. तरंग प्रकृति (Wave Nature of Light)
प्रकाश के तरंग गुणधर्म निम्नलिखित घटनाओं द्वारा प्रदर्शित होते हैं:
- व्यतिकरण (Interference): प्रकाश तरंगों का मिलन।
- विवर्तन (Diffraction): प्रकाश तरंगों का मुड़ना।
- ध्रुवीकरण (Polarization): प्रकाश की तरंगों को केवल एक दिशा में सीमित करना।
3. कण प्रकृति (Particle Nature of Light)
प्रकाश की कण प्रकृति निम्नलिखित घटनाओं में देखी जाती है:
- फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव (Photoelectric Effect): प्रकाश के कारण धातु से इलेक्ट्रॉनों का उत्सर्जन।
- कॉम्पटन प्रभाव (Compton Effect): फोटॉनों का इलेक्ट्रॉनों से टकराना।
4. प्रकाश का द्वैत स्वरूप का गणितीय वर्णन (Mathematical Description)
फोटॉन की ऊर्जा:
E = hν
जहाँ:
E
= फोटॉन की ऊर्जाh
= प्लांक का नियतांक (6.626 × 10-34 J·s)ν
= प्रकाश की आवृत्ति
तरंगदैर्घ्य और आवृत्ति का संबंध:
c = νλ
जहाँ:
c
= प्रकाश का वेग (3 × 108 m/s)ν
= आवृत्तिλ
= तरंगदैर्घ्य
5. अनुप्रयोग (Applications of Dual Nature)
- फोटोइलेक्ट्रिक सेल में ऊर्जा उत्पन्न करना।
- लेजर निर्माण में।
- क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों का अध्ययन।
6. उदाहरण (Numerical Example)
उदाहरण:
प्रश्न: 600 nm तरंगदैर्घ्य की प्रकाश तरंग की ऊर्जा ज्ञात करें।
उपयोग करें:
E = hν
जहाँ,
ν = c / λ
ν = (3 × 108) / (600 × 10-9)
ν = 5 × 1014 Hz
E = (6.626 × 10-34) × (5 × 1014)
E = 3.313 × 10-19 J
उत्तर: ऊर्जा 3.313 × 10-19 जूल होगी।