मुक्त, बलित और अवमंदित दोलन (Forced and Damped Oscillations)
1. मुक्त दोलन (Free Oscillations)
मुक्त दोलन (Free Oscillations) वह दोलन होते हैं जो एक बार विस्थापित करने पर बिना किसी बाहरी बल के स्वतः उत्पन्न होते हैं। इसमें दोलन की आवृत्ति प्राकृतिक आवृत्ति (Natural Frequency) कहलाती है और इसमें ऊर्जा का ह्रास नहीं होता।
उदाहरण:
पेंडुलम का दोलन यदि उसे एक बार विस्थापित कर छोड़ दिया जाए।
2. बलित दोलन (Forced Oscillations)
बलित दोलन (Forced Oscillations) वह दोलन होते हैं जो एक बाहरी आवर्ती बल के प्रभाव में होते हैं। बलित दोलन में, दोलन की आवृत्ति बाहरी बल की आवृत्ति के बराबर होती है और इसे बनाए रखने के लिए बाहरी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
उदाहरण:
झूले पर बैठा व्यक्ति अपने पैरों की गति से झूले को निरंतर चलाता है, तो यह एक बलित दोलन है।
3. अवमंदित दोलन (Damped Oscillations)
अवमंदित दोलन (Damped Oscillations) में दोलन करते समय ऊर्जा का ह्रास होता है, जैसे घर्षण के कारण। इस ह्रास के कारण दोलन की अम्प्लीट्यूड (Amplitude) समय के साथ घटती जाती है और अंततः दोलन बंद हो जाते हैं।
उदाहरण:
एक झूला जो धीरे-धीरे रुक जाता है, अवमंदित दोलन का उदाहरण है।
4. बलित और अवमंदित दोलनों में अंतर (Difference Between Forced and Damped Oscillations)
बलित दोलन (Forced Oscillations) | अवमंदित दोलन (Damped Oscillations) |
---|---|
बाहरी आवर्ती बल के कारण उत्पन्न होते हैं। | ऊर्जा के ह्रास के कारण उत्पन्न होते हैं। |
अम्प्लीट्यूड स्थिर रहता है या बढ़ सकता है। | अम्प्लीट्यूड समय के साथ घटता है। |
दोलन की आवृत्ति बाहरी बल की आवृत्ति पर निर्भर करती है। | दोलन की आवृत्ति प्राकृतिक आवृत्ति के निकट होती है। |
5. बलित दोलन में अनुनाद (Resonance in Forced Oscillations)
जब बलित दोलन में बाहरी बल की आवृत्ति वस्तु की प्राकृतिक आवृत्ति के समान हो जाती है, तो अम्प्लीट्यूड अत्यधिक बढ़ जाता है। इस घटना को अनुनाद (Resonance) कहते हैं।
उदाहरण:
रेडियो में एक विशिष्ट स्टेशन को सुनने के लिए अनुनाद का उपयोग किया जाता है।