ग्राहम का गैसीय विसरण नियम
ग्राहम का गैसीय विसरण नियम क्या है?
ग्राहम का गैसीय विसरण नियम गैसों के विसरण (Diffusion) और पारगमन (Effusion) की प्रक्रिया को समझाने के लिए एक महत्वपूर्ण नियम है। इसे 1829 में थॉमस ग्राहम ने प्रतिपादित किया।
यह नियम बताता है कि गैस की विसरण दर उसके मोलर द्रव्यमान (Molar Mass) के वर्गमूल के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
गणितीय रूप (Mathematical Form)
ग्राहम के नियम को निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:
r1 / r2 = √(M2 / M1)
जहाँ:
- r1, r2: गैसों की विसरण दरें
- M1, M2: गैसों के मोलर द्रव्यमान
विसरण और पारगमन का अंतर (Difference Between Diffusion and Effusion)
विशेषता | विसरण (Diffusion) | पारगमन (Effusion) |
---|---|---|
परिभाषा | गैस का एक माध्यम से दूसरे माध्यम में स्वत: मिश्रण। | गैस का छोटे छिद्र से बिना टकराव के प्रवाह। |
टकराव | गैस अणु अन्य अणुओं से टकराते हैं। | गैस अणु बिना टकराव के गुजरते हैं। |
उदाहरण | गंध का वातावरण में फैलना। | बैलून से गैस का धीमा रिसाव। |
उदाहरण (Example)
यदि हाइड्रोजन (H2) और ऑक्सीजन (O2) की विसरण दर ज्ञात करनी हो:
rH2 / rO2 = √(MO2 / MH2)
जहाँ:
- MH2 = 2 g/mol
- MO2 = 32 g/mol
तो:
rH2 / rO2 = √(32 / 2) = √16 = 4
अतः हाइड्रोजन की विसरण दर ऑक्सीजन से 4 गुना अधिक है।
ग्राहम के नियम का महत्व (Significance of Graham’s Law)
- गैसों के मिश्रण की गति का अध्ययन करने में सहायक।
- गैस पृथक्करण और शुद्धिकरण प्रक्रियाओं में उपयोगी।
- वायुमंडलीय और औद्योगिक प्रक्रियाओं को समझने में सहायक।