ऊष्मा और ऊष्मा स्थानांतरण (Heat and Heat Transfer)
1. ऊष्मा क्या है? (What is Heat?)
ऊष्मा (Heat) ऊर्जा का वह रूप है जो एक वस्तु से दूसरी वस्तु में स्थानांतरित होती है, जब उनके बीच तापमान का अंतर होता है। ऊष्मा का प्रवाह उच्च तापमान वाले क्षेत्र से निम्न तापमान वाले क्षेत्र की ओर होता है, जब तक कि दोनों वस्तुओं का तापमान समान न हो जाए।
2. ऊष्मा स्थानांतरण के प्रकार (Types of Heat Transfer)
ऊष्मा का स्थानांतरण तीन मुख्य तरीकों से होता है:
- चालन (Conduction): ऊष्मा का वह स्थानांतरण जो एक ठोस माध्यम में अणुओं की कंपन और टक्कर के माध्यम से होता है। उदाहरण: गरम तवे पर चम्मच रखना।
- संवहन (Convection): ऊष्मा का वह स्थानांतरण जो द्रवों में होता है, जहाँ गर्म अणु ऊपर की ओर बढ़ते हैं और ठंडे अणु नीचे की ओर आ जाते हैं। उदाहरण: पानी का गरम होना।
- विकिरण (Radiation): ऊष्मा का वह स्थानांतरण जो निर्वात में होता है और इसके लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती। यह विद्युत-चुम्बकीय तरंगों के माध्यम से होता है। उदाहरण: सूर्य से पृथ्वी तक ऊष्मा का पहुंचना।
3. ऊष्मा स्थानांतरण का महत्व (Importance of Heat Transfer)
ऊष्मा स्थानांतरण का सिद्धांत दैनिक जीवन और विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण है। यह ऊर्जा के संतुलन, जलवायु प्रणाली, और इंजीनियरिंग में अनुप्रयोगों का आधार है।
4. ऊष्मा का मात्रक (Unit of Heat)
ऊष्मा का SI मात्रक जूल (Joule) है। इसे कैलोरी (calorie) में भी मापा जाता है, जहाँ 1 कैलोरी = 4.184 जूल होता है।
5. उदाहरण (Example)
मान लें कि 100 ग्राम पानी का तापमान 20°C से 30°C तक बढ़ाना है। पानी की विशिष्ट ऊष्मा 4.18 J/g°C है, तो आवश्यक ऊष्मा (Q) होगी:
Q = m × c × ΔT
जहाँ:
- m = पानी का द्रव्यमान (Mass of water) = 100 g
- c = विशिष्ट ऊष्मा (Specific Heat) = 4.18 J/g°C
- ΔT = तापमान का परिवर्तन (Change in Temperature) = 30 – 20 = 10°C
अतः, Q = 100 × 4.18 × 10 = 4180 J
इसलिए, 100 ग्राम पानी का तापमान 20°C से 30°C तक बढ़ाने के लिए 4180 जूल ऊष्मा की आवश्यकता होगी।