मानव नेत्र और नेत्र दोष (Human Eye and Eye Defects)
1. मानव नेत्र की संरचना (Structure of the Human Eye)
- कॉर्निया (Cornea): यह नेत्र का सबसे बाहरी पारदर्शी भाग है, जो प्रकाश को अंदर जाने देता है।
- आईरिस (Iris): यह नेत्र का रंगीन भाग है, जो पुतली (Pupil) के आकार को नियंत्रित करता है।
- पुतली (Pupil): यह प्रकाश को रेटिना तक पहुँचाने का मार्ग है।
- लेंस (Lens): यह पारदर्शी संरचना है, जो प्रकाश को केंद्रित करता है।
- रेटिना (Retina): यह नेत्र का सबसे आंतरिक भाग है, जहाँ छवियाँ बनती हैं।
- ऑप्टिक नर्व (Optic Nerve): यह मस्तिष्क को दृश्य संकेत भेजती है।
2. नेत्र दोष (Eye Defects)
दोष | विवरण | उपचार |
---|---|---|
निकट दृष्टिदोष (Myopia) | दूर की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई नहीं देतीं। | अवतल लेंस (Concave Lens) |
दूर दृष्टिदोष (Hypermetropia) | पास की वस्तुएँ स्पष्ट दिखाई नहीं देतीं। | उत्तल लेंस (Convex Lens) |
बूढ़ा दृष्टि दोष (Presbyopia) | उम्र के साथ लेंस की लोच कम हो जाती है। | द्विफोकस लेंस (Bifocal Lens) |
एस्टिग्मैटिज्म (Astigmatism) | नेत्र का लेंस या कॉर्निया असमतल हो जाता है। | सिलेंड्रिकल लेंस (Cylindrical Lens) |
रंग अंधता (Color Blindness) | कुछ रंगों को पहचानने में असमर्थता। | कोई स्थायी उपचार नहीं, विशेष लेंस। |
3. दृष्टि दोषों के कारण (Causes of Eye Defects)
- आनुवंशिकता (Genetics)
- उम्र बढ़ने के साथ लेंस की लोच कम होना।
- लेंस का आकार या वक्रता असामान्य होना।
4. उदाहरण (Numerical Example)
प्रश्न: यदि एक निकट दृष्टिदोष व्यक्ति की स्पष्ट दृष्टि सीमा
D = 1.5 m
है, तो उसके चश्मे का लेंस निर्धारित करें।P = -1 / D
P = -1 / 1.5
P = -0.67 D
उत्तर: चश्मे का लेंस
-0.67 डायोप्टर
होगा।