हाइड्रोजन बंध
हाइड्रोजन बंध क्या है?
हाइड्रोजन बंध (Hydrogen Bond) एक प्रकार का अंतःआणविक (Intermolecular) या आण्विक (Intramolecular) बल है, जो हाइड्रोजन और किसी उच्च विद्युत ऋणात्मकता वाले तत्व (जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, या फ्लोरीन) के बीच बनता है।
यह बंध आयनिक और सहसंयोजी बंध की तुलना में कमजोर होता है, लेकिन वान डेर वाल्स बल की तुलना में मजबूत होता है।
हाइड्रोजन बंध बनने की शर्तें
- हाइड्रोजन परमाणु का एक उच्च विद्युत ऋणात्मकता वाले तत्व (N, O, F) से जुड़ा होना आवश्यक है।
- बंध बनने के लिए उपलब्ध एक अकेला इलेक्ट्रॉन जोड़ा (Lone Pair) होना चाहिए।
मुख्य तथ्य और आंकड़े
- हाइड्रोजन बंध का आयाम: 1.5 – 2.5 Å (एंगस्ट्रॉम)।
- हाइड्रोजन बंध का बल: 5 – 50 kJ/mol।
- हाइड्रोजन बंध पानी (H₂O) में उच्च सतही तनाव और उच्च विशिष्ट उष्मा का कारण बनता है।
- डीएनए में हाइड्रोजन बंध एडेनिन और थायमिन के बीच 2 बंध और गुआनिन और साइटोसिन के बीच 3 बंध बनता है।
उदाहरण
यौगिक (Compound) | बंधित परमाणु (Bonded Atoms) | प्रकार |
---|---|---|
पानी (H₂O) | H – O | अंतःआणविक |
हाइड्रोजन फ्लोराइड (HF) | H – F | अंतःआणविक |
अमोनिया (NH₃) | H – N | अंतःआणविक |
डीएनए | H – N, H – O | आण्विक |
हाइड्रोजन बंध के गुण
- उच्च सतही तनाव: पानी में हाइड्रोजन बंध के कारण उच्च सतही तनाव होता है।
- उच्च क्वथनांक और गलनांक: हाइड्रोजन बंध के कारण पानी और अन्य यौगिकों का क्वथनांक अपेक्षाकृत अधिक होता है।
- घुलनशीलता: हाइड्रोजन बंध पानी और ध्रुवीय विलायकों में घुलनशीलता बढ़ाता है।
- जैविक महत्त्व: डीएनए और प्रोटीन संरचना में हाइड्रोजन बंध की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
महत्त्व
- यह पानी के असाधारण गुणों, जैसे कि उच्च सतही तनाव और विशेष उष्मा धारिता, को स्पष्ट करता है।
- यह जैव रसायन में प्रोटीन और डीएनए की संरचना और स्थिरता के लिए आवश्यक है।
- यह हाइड्रोजन बंध का उपयोग रासायनिक संश्लेषण और औद्योगिक प्रक्रियाओं में किया जाता है।