परिचय: व्यतिकरण और विवर्तन
व्यतिकरण और विवर्तन प्रकाश की तरंग प्रकृति को प्रदर्शित करने वाली दो महत्वपूर्ण घटनाएं हैं। दोनों में प्रकाश तरंगों का अध्यारोपण (superposition) होता है, लेकिन उनके होने का तरीका और परिणाम भिन्न होते हैं।
व्यतिकरण (Interference)
परिभाषा: जब दो या दो से अधिक कला-संबद्ध (coherent) स्रोतों से आने वाली प्रकाश तरंगें एक ही दिशा में चलती हुई अध्यारोपित होती हैं, तो माध्यम के कुछ बिंदुओं पर प्रकाश की तीव्रता अधिकतम और कुछ पर न्यूनतम हो जाती है। इस घटना को व्यतिकरण कहते हैं।
व्यतिकरण के प्रकार
- संपोषी व्यतिकरण (Constructive Interference): जब तरंगें समान कला में मिलती हैं (श्रृंग से श्रृंग), तो परिणामी तीव्रता अधिकतम होती है। इससे दीप्त फ्रिंज (bright fringe) बनती है।
- विनाशी व्यतिकरण (Destructive Interference): जब तरंगें विपरीत कला में मिलती हैं (श्रृंग से गर्त), तो परिणामी तीव्रता न्यूनतम (लगभग शून्य) होती है। इससे अदीप्त फ्रिंज (dark fringe) बनती है।
- यंग का द्वि-स्लिट प्रयोग (YDSE): यह व्यतिकरण को प्रदर्शित करने वाला एक प्रसिद्ध प्रयोग है।
- फ्रिंज चौड़ाई (β) का सूत्र: β = λD/d
विवर्तन (Diffraction)
परिभाषा: जब प्रकाश तरंगें किसी छोटे अवरोध या द्वारक (aperture) के किनारों से टकराती हैं, तो वे किनारों पर मुड़ जाती हैं और ज्यामितीय छाया क्षेत्र में प्रवेश कर जाती हैं। इस घटना को विवर्तन कहते हैं।
- यह एक ही तरंगाग्र के विभिन्न बिंदुओं से आने वाली द्वितीयक तरंगिकाओं के बीच व्यतिकरण का परिणाम है।
व्यतिकरण और विवर्तन में अंतर
| गुण | व्यतिकरण (Interference) | विवर्तन (Diffraction) |
|---|---|---|
| स्रोत | दो या दो से अधिक कला-संबद्ध स्रोतों से आने वाली तरंगों का अध्यारोपण। | एक ही तरंगाग्र के विभिन्न भागों से आने वाली तरंगों का अध्यारोपण। |
| फ्रिंज की चौड़ाई | सभी फ्रिंज समान चौड़ाई की होती हैं। | केंद्रीय फ्रिंज सबसे चौड़ी होती है, अन्य फ्रिंजों की चौड़ाई घटती जाती है। |
| फ्रिंज की तीव्रता | सभी दीप्त फ्रिंजों की तीव्रता समान होती है। | केंद्रीय फ्रिंज सबसे तीव्र होती है, अन्य फ्रिंजों की तीव्रता तेजी से घटती है। |
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण 1 (व्यतिकरण)
प्रश्न: यंग के द्वि-स्लिट प्रयोग में, स्लिटों के बीच की दूरी 0.28 mm है और पर्दा 1.4 m की दूरी पर रखा है। यदि केंद्रीय दीप्त फ्रिंज से चौथी दीप्त फ्रिंज की दूरी 1.2 cm है, तो प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: d = 0.28 mm = 0.28×10⁻³ m, D = 1.4 m, n=4, x₄ = 1.2 cm = 1.2×10⁻² m
n-वीं दीप्त फ्रिंज की दूरी का सूत्र: xₙ = nλD/d
λ = x₄d / (nD) = (1.2×10⁻² × 0.28×10⁻³) / (4 × 1.4)
λ = (0.336 × 10⁻⁵) / 5.6 = 0.06 × 10⁻⁵ m = 6 × 10⁻⁷ m
λ = 600 nm
उदाहरण 2 (विवर्तन)
प्रश्न: 600 nm तरंगदैर्ध्य का प्रकाश 0.3 mm चौड़ाई की एक स्लिट पर लंबवत आपतित होता है। केंद्रीय उच्चिष्ठ (central maximum) की कोणीय चौड़ाई ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: λ = 600 nm = 6×10⁻⁷ m, a = 0.3 mm = 3×10⁻⁴ m
प्रथम निम्निष्ठ (first minimum) के लिए शर्त: a sinθ = nλ (यहाँ n=1)
sinθ = λ/a = (6×10⁻⁷) / (3×10⁻⁴) = 2×10⁻³
चूंकि θ बहुत छोटा है, sinθ ≈ θ. तो, θ ≈ 2×10⁻³ रेडियन।
केंद्रीय उच्चिष्ठ की कुल कोणीय चौड़ाई = 2θ = 2 × (2×10⁻³)
कुल कोणीय चौड़ाई = 4 × 10⁻³ रेडियन
उदाहरण 3 (व्यतिकरण)
प्रश्न: एक YDSE प्रयोग में, 500 nm तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के लिए फ्रिंज चौड़ाई 2.5 mm है। यदि पूरे उपकरण को 1.5 अपवर्तनांक वाले द्रव में डुबो दिया जाए, तो नई फ्रिंज चौड़ाई क्या होगी?
हल:
हवा में फ्रिंज चौड़ाई, β = λD/d = 2.5 mm
द्रव में प्रकाश की तरंगदैर्ध्य, λ’ = λ/n = 500/1.5 nm
नई फ्रिंज चौड़ाई, β’ = λ’D/d = (λ/n)D/d = β/n
β’ = 2.5 mm / 1.5
β’ ≈ 1.67 mm