धारा के चुंबकीय प्रभाव (Magnetic Effects of Current)
1. धारा के चुंबकीय प्रभाव क्या है? (What is Magnetic Effect of Current?)
जब किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होती है, तो उसके चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है। इसे धारा का चुंबकीय प्रभाव कहा जाता है। इस सिद्धांत की खोज हंस क्रिश्चियन ऑरस्टेड ने 1820 में की थी, जिसने विद्युत और चुंबकत्व के बीच संबंध का पता लगाया।
2. चुंबकीय क्षेत्र की दिशा (Direction of Magnetic Field)
चुंबकीय क्षेत्र की दिशा का निर्धारण दायें हाथ के नियम (Right-Hand Rule) से किया जा सकता है। यदि दायें हाथ के अंगूठे को धारा की दिशा में रखा जाए, तो उंगलियों की मुड़ने की दिशा चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को दर्शाती है।
3. बायोट-सावर्ट नियम (Biot-Savart Law)
बायोट-सावर्ट नियम के अनुसार, किसी तार के छोटे से हिस्से में धारा के कारण चुंबकीय क्षेत्र का परिमाण निम्नलिखित सूत्र द्वारा व्यक्त किया जा सकता है:
dB = (μ0 / 4π) * (I * dl × r̂) / r²
जहाँ:
dB
= चुंबकीय क्षेत्र का छोटा तत्वμ0
= निर्वात में चुंबकीय स्थिरांक (Magnetic Constant)I
= धारा का मान (Current)dl
= तार का छोटा तत्वr
= दूरी
4. एम्पीयर का परिपथीय नियम (Ampere’s Circuital Law)
एम्पीयर का परिपथीय नियम कहता है कि किसी बंद परिपथ में चुंबकीय क्षेत्र और धाराओं का योग शून्य होता है। इसे निम्नलिखित रूप में लिखा जा सकता है:
∮ B · dl = μ0 I
जहाँ
I
बंद परिपथ के भीतर कुल धारा है।5. अनुप्रयोग (Applications)
- इलेक्ट्रोमैग्नेट्स: विद्युत धारा के माध्यम से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करने के लिए।
- इलेक्ट्रिक मोटर्स: विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलने के लिए।
- विद्युत जनरेटर: यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए।
6. उदाहरण (Example)
मान लें कि एक सीधी तार में 5 A की धारा प्रवाहित हो रही है और हमें 2 cm दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र ज्ञात करना है।
B = (μ0 / 2π) * (I / r)
B = (4π × 10-7 T·m/A) * (5 / 0.02)
B ≈ 5 × 10-5 T
अतः, 2 cm दूरी पर चुंबकीय क्षेत्र का मान 5 × 10-5 T होगा।