परिचय: आवर्धन (Magnification)
रैखिक आवर्धन (Linear Magnification) यह बताता है कि किसी दर्पण या लेंस द्वारा बनाया गया प्रतिबिंब वस्तु की तुलना में कितना गुना बड़ा या छोटा है। यह प्रतिबिंब की ऊँचाई (h’) और वस्तु की ऊँचाई (h) का अनुपात होता है।
- यह एक विमाहीन राशि है।
- यदि |m| > 1, तो प्रतिबिंब आवर्धित (बड़ा) होता है।
- यदि |m| < 1, तो प्रतिबिंब छोटा होता है।
- यदि m धनात्मक है, तो प्रतिबिंब सीधा और आभासी होता है।
- यदि m ऋणात्मक है, तो प्रतिबिंब उल्टा और वास्तविक होता है।
दर्पण के लिए आवर्धन
गोलीय दर्पणों के लिए, आवर्धन को प्रतिबिंब की दूरी (v) और वस्तु की दूरी (u) के रूप में भी व्यक्त किया जा सकता है।
सूत्र
m = h’ / h = -v / u
लेंस के लिए आवर्धन
पतले लेंसों के लिए, आवर्धन का सूत्र दर्पण सूत्र से थोड़ा भिन्न होता है।
सूत्र
m = h’ / h = v / u
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: 15 cm फोकस दूरी वाले एक अवतल दर्पण के सामने 25 cm की दूरी पर 4 cm ऊँची एक वस्तु रखी है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति और आकार ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है:
f = -15 cm (अवतल दर्पण)
u = -25 cm
h = 4 cm
1. प्रतिबिंब की स्थिति (v):
दर्पण सूत्र से: 1/f = 1/v + 1/u
1/(-15) = 1/v + 1/(-25)
1/v = 1/25 – 1/15 = (3 – 5) / 75 = -2/75
v = -37.5 cm (प्रतिबिंब दर्पण के सामने 37.5 cm पर बनेगा)।
2. प्रकृति और आकार (m और h’):
आवर्धन (m) = -v / u = -(-37.5) / (-25) = -1.5
चूंकि m ऋणात्मक है, प्रतिबिंब वास्तविक और उल्टा है।
चूंकि |m| > 1, प्रतिबिंब आवर्धित (बड़ा) है।
m = h’ / h
-1.5 = h’ / 4
h’ = -6 cm (प्रतिबिंब 6 cm ऊँचा और उल्टा है)।