द्रव्यमान दोष (Mass Defect)
1. द्रव्यमान दोष क्या है? (What is Mass Defect?)
द्रव्यमान दोष (Mass Defect) किसी परमाणु नाभिक के समग्र घटकों (प्रोटॉनों और न्यूट्रॉनों) के कुल द्रव्यमान और नाभिक के वास्तविक द्रव्यमान के बीच का अंतर है।
यह अंतर नाभिकीय स्थिरता और संयोजी ऊर्जा का मापन करता है।
2. द्रव्यमान दोष का सूत्र (Formula for Mass Defect)
द्रव्यमान दोष निम्नलिखित सूत्र से व्यक्त किया जाता है:
Δm = (Z × mp + N × mn) – M
जहाँ:
Δm
= द्रव्यमान दोषZ
= प्रोटॉनों की संख्याN
= न्यूट्रॉनों की संख्याmp
= प्रोटॉन का द्रव्यमानmn
= न्यूट्रॉन का द्रव्यमानM
= नाभिक का वास्तविक द्रव्यमान
3. ऊर्जा में परिवर्तित द्रव्यमान दोष (Mass Defect in Terms of Energy)
द्रव्यमान दोष को ऊर्जा में निम्नलिखित समीकरण द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है:
E = Δm × c2
जहाँ:
E
= संयोजी ऊर्जाΔm
= द्रव्यमान दोषc
= प्रकाश की गति (3 × 108 m/s)
4. महत्व (Importance of Mass Defect)
- नाभिकीय स्थिरता का मापन।
- संयोजी ऊर्जा का निर्धारण।
- नाभिकीय विखंडन और संलयन की प्रक्रियाओं को समझने में सहायक।
5. उदाहरण (Numerical Example)
उदाहरण:
प्रश्न: हेलियम-4 नाभिक में 2 प्रोटॉन और 2 न्यूट्रॉन हैं। यदि प्रोटॉन का द्रव्यमान 1.0073 u, न्यूट्रॉन का द्रव्यमान 1.0087 u, और नाभिक का वास्तविक द्रव्यमान 4.0015 u है, तो द्रव्यमान दोष ज्ञात करें।
Δm = (Z × mp + N × mn) – M
Δm = [(2 × 1.0073) + (2 × 1.0087)] – 4.0015
Δm = (2.0146 + 2.0174) – 4.0015
Δm = 0.0305 u
उत्तर: द्रव्यमान दोष 0.0305 u होगा।