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नाभिकीय संलयन और विखंडन

परिचय: नाभिकीय अभिक्रियाएं

नाभिकीय अभिक्रियाएं वे प्रक्रियाएं हैं जिनमें परमाणु नाभिकों में परिवर्तन होता है, जिसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। यह ऊर्जा द्रव्यमान क्षति (mass defect) के कारण उत्पन्न होती है, जैसा कि आइंस्टीन के E=mc² समीकरण द्वारा वर्णित है। नाभिकीय ऊर्जा के दो मुख्य प्रकार हैं: नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन।

नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)

परिभाषा: नाभिकीय विखंडन वह प्रक्रिया है जिसमें एक भारी, अस्थिर नाभिक (जैसे यूरेनियम-235) एक न्यूट्रॉन को अवशोषित करने के बाद लगभग बराबर द्रव्यमान के दो या दो से अधिक छोटे नाभिकों में टूट जाता है।

श्रृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction)

यूरेनियम-235 के विखंडन में, उत्पाद नाभिकों के साथ-साथ 2-3 अतिरिक्त न्यूट्रॉन भी उत्पन्न होते हैं। ये न्यूट्रॉन अन्य यूरेनियम नाभिकों से टकराकर उन्हें भी विखंडित कर सकते हैं, जिससे एक स्व-पोषी श्रृंखला अभिक्रिया शुरू हो जाती है।

  • नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया: परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में, इस अभिक्रिया को नियंत्रित करके ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है।
  • अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया: परमाणु बम में, यह अभिक्रिया विनाशकारी विस्फोट का कारण बनती है।

नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion)

परिभाषा: नाभिकीय संलयन वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक हल्के नाभिक अत्यधिक उच्च ताप और दाब पर मिलकर एक भारी नाभिक बनाते हैं।

  • इस प्रक्रिया में विखंडन से भी अधिक ऊर्जा मुक्त होती है।
  • आवश्यक शर्तें: संलयन के लिए करोड़ों डिग्री सेल्सियस का तापमान और अत्यधिक उच्च दाब की आवश्यकता होती है ताकि नाभिकों के बीच स्थिरविद्युत प्रतिकर्षण बल को पार किया जा सके।
  • सूर्य और तारों की ऊर्जा: सूर्य और अन्य तारों की ऊर्जा का स्रोत नाभिकीय संलयन ही है, जहाँ हाइड्रोजन के नाभिक मिलकर हीलियम बनाते हैं।

विखंडन और संलयन में अंतर

गुण नाभिकीय विखंडन नाभिकीय संलयन
परिभाषा एक भारी नाभिक का छोटे नाभिकों में टूटना। दो हल्के नाभिकों का मिलकर एक भारी नाभिक बनाना।
आवश्यक शर्तें न्यूट्रॉन की बमबारी। अत्यधिक उच्च ताप और दाब।
उत्पाद छोटे नाभिक और रेडियोधर्मी अपशिष्ट। भारी नाभिक (जैसे हीलियम) और बहुत कम रेडियोधर्मी अपशिष्ट।
ऊर्जा भारी मात्रा में ऊर्जा मुक्त होती है। विखंडन से भी अधिक ऊर्जा मुक्त होती है।
उदाहरण परमाणु ऊर्जा संयंत्र, परमाणु बम। सूर्य और तारे, हाइड्रोजन बम।

संख्यात्मक उदाहरण

उदाहरण 1 (विखंडन)

प्रश्न: यूरेनियम-235 के एक नाभिक के विखंडन में लगभग 200 MeV ऊर्जा मुक्त होती है। 1 kg यूरेनियम-235 के पूर्ण विखंडन से कितनी ऊर्जा (जूल में) मुक्त होगी?

हल:
U-235 का मोलर द्रव्यमान ≈ 235 g/mol
1 kg (1000 g) U-235 में मोलों की संख्या = 1000 / 235 ≈ 4.255 mol
1 kg U-235 में परमाणुओं की संख्या = 4.255 × (6.022 × 10²³) ≈ 2.56 × 10²⁴ परमाणु

कुल मुक्त ऊर्जा = (परमाणुओं की संख्या) × (प्रति विखंडन ऊर्जा)
= (2.56 × 10²⁴) × (200 MeV)
= 5.12 × 10²⁶ MeV
चूंकि 1 MeV = 1.6 × 10⁻¹³ J,
कुल ऊर्जा = (5.12 × 10²⁶) × (1.6 × 10⁻¹³ J)
≈ 8.2 × 10¹³ J

उदाहरण 2 (संलयन)

प्रश्न: निम्नलिखित संलयन अभिक्रिया में मुक्त ऊर्जा की गणना करें: ¹H₂ + ¹H₂ → ²He₃ + n¹ (न्यूट्रॉन)। दिया है: m(¹H₂) = 2.0141 u, m(²He₃) = 3.0160 u, m(n) = 1.0087 u।

हल:
अभिकारकों का कुल द्रव्यमान = 2 × m(¹H₂) = 2 × 2.0141 = 4.0282 u
उत्पादों का कुल द्रव्यमान = m(²He₃) + m(n) = 3.0160 + 1.0087 = 4.0247 u

द्रव्यमान क्षति (Δm) = (अभिकारकों का द्रव्यमान) – (उत्पादों का द्रव्यमान)
Δm = 4.0282 u – 4.0247 u = 0.0035 u

मुक्त ऊर्जा (E) = Δm × 931.5 MeV/u
E = 0.0035 × 931.5
E ≈ 3.26 MeV

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