मुख्य (Principal) क्वांटम संख्या
मुख्य (Principal) क्वांटम संख्या
मुख्य (Principal) क्वांटम संख्या को n द्वारा दर्शाया जाता है। यह परमाणु में कक्षा (Shell) की पहचान करता है, जिसमें इलेक्ट्रॉन पाए जाते हैं। मुख्य क्वांटम संख्या की मान्यता निम्नलिखित है:
- n = 1, 2, 3, 4,…
- यह संख्या K, L, M, N कक्षाओं के लिए मान्य है।
मुख्य क्वांटम संख्या के गुण (Properties of Principal Quantum Number)
- यह कक्षा की ऊर्जा और आकार को निर्धारित करता है।
- जैसे-जैसे n का मान बढ़ता है, कक्षा का आकार और ऊर्जा बढ़ती है।
- प्रत्येक कक्षा में अधिकतम 2n2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।
मुख्य क्वांटम संख्या और इलेक्ट्रॉनों की सीमा
प्रत्येक कक्षा में अधिकतम इलेक्ट्रॉनों की सीमा 2n2 होती है:
मुख्य क्वांटम संख्या (n) | कक्षा (Shell) | अधिकतम इलेक्ट्रॉन |
---|---|---|
1 | K | 2 |
2 | L | 8 |
3 | M | 18 |
4 | N | 32 |
मुख्य क्वांटम संख्या का महत्व (Significance of Principal Quantum Number)
- यह परमाणु में इलेक्ट्रॉनों के वितरण को समझने में सहायक है।
- यह परमाणु के ऊर्जा स्तरों को निर्धारित करता है।
- यह परमाणु की संरचना और रासायनिक गुणों को स्पष्ट करता है।
दिगंशीय (Azimuthal) क्वांटम संख्या
दिगंशीय (Azimuthal) क्वांटम संख्या
दिगंशीय (Azimuthal) क्वांटम संख्या को l द्वारा दर्शाया जाता है। यह मुख्य क्वांटम संख्या n के अधीन होती है और यह उपकक्षाओं (Subshells) को परिभाषित करती है।
यह कक्षा में उपकक्षाओं की आकार और ऊर्जा का निर्धारण करती है।
l के संभावित मान (Possible Values of l)
l का मान मुख्य क्वांटम संख्या (n) पर निर्भर करता है और यह 0 से (n – 1) तक होता है।
मुख्य क्वांटम संख्या (n) | l के संभावित मान | उपकक्षाएं |
---|---|---|
1 | 0 | s |
2 | 0, 1 | s, p |
3 | 0, 1, 2 | s, p, d |
4 | 0, 1, 2, 3 | s, p, d, f |
दिगंशीय क्वांटम संख्या के गुण (Properties of Azimuthal Quantum Number)
- यह उपकक्षा की आकार और ऊर्जा का निर्धारण करती है।
- उपकक्षाओं के प्रकार: s, p, d, f
- l = 0 → s उपकक्षा (गोलाकार आकार)
- l = 1 → p उपकक्षा (गोलाभ आकार)
- l = 2 → d उपकक्षा (जटिल आकार)
- l = 3 → f उपकक्षा (अधिक जटिल आकार)
उपकक्षाओं में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या
प्रत्येक उपकक्षा में इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या 2(2l + 1) द्वारा निर्धारित होती है।
उपकक्षा | l का मान | कक्षक की संख्या | अधिकतम इलेक्ट्रॉन |
---|---|---|---|
s | 0 | 1 | 2 |
p | 1 | 3 | 6 |
d | 2 | 5 | 10 |
f | 3 | 7 | 14 |
चुंबकीय (Magnetic) क्वांटम संख्या
चुंबकीय (Magnetic) क्वांटम संख्या
चुंबकीय क्वांटम संख्या को ml द्वारा दर्शाया जाता है। यह दिगंशीय क्वांटम संख्या (l) के आधार पर उपकक्षाओं में कक्षक (Orbitals) की दिशा का निर्धारण करती है।
ml के संभावित मान (Possible Values of ml)
ml का मान -l से +l तक हो सकता है, जिसमें शून्य (0) शामिल होता है।
उपकक्षा (Subshell) | l का मान | ml के संभावित मान | कक्षक (Orbitals) |
---|---|---|---|
s | 0 | 0 | 1 |
p | 1 | -1, 0, +1 | 3 |
d | 2 | -2, -1, 0, +1, +2 | 5 |
f | 3 | -3, -2, -1, 0, +1, +2, +3 | 7 |
चुंबकीय क्वांटम संख्या के गुण (Properties of Magnetic Quantum Number)
- यह इलेक्ट्रॉन के कक्षक की अभिविन्यास (Orientation) को दर्शाता है।
- प्रत्येक कक्षक में अधिकतम 2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं।
- यह चुंबकीय क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन की स्थिति का निर्धारण करता है।
चुंबकीय क्वांटम संख्या का महत्व (Significance of Magnetic Quantum Number)
- यह उपकक्षाओं में कक्षक (Orbitals) की संख्या और दिशा को परिभाषित करता है।
- यह परमाणु की चुंबकीय और रासायनिक गुणों को स्पष्ट करता है।
चक्रण (Spin) क्वांटम संख्या
चक्रण (Spin) क्वांटम संख्या
चक्रण (Spin) क्वांटम संख्या को ms द्वारा दर्शाया जाता है। यह इलेक्ट्रॉन के घूर्णन (Rotation) या चक्रण की दिशा का निर्धारण करती है।
इलेक्ट्रॉन के चक्रण की दो संभावित अवस्थाएँ होती हैं:
- ms = +1/2: ऊपर की दिशा में चक्रण (Spin-Up)
- ms = -1/2: नीचे की दिशा में चक्रण (Spin-Down)
चक्रण क्वांटम संख्या के गुण (Properties of Spin Quantum Number)
- यह इलेक्ट्रॉन के आंतरिक चुंबकीय आघूर्ण (Magnetic Moment) का निर्धारण करती है।
- यह परमाणु में इलेक्ट्रॉनों की व्यवस्था में सहायक होती है।
- एक कक्षक (Orbital) में अधिकतम 2 इलेक्ट्रॉन हो सकते हैं, जिनके चक्रण विपरीत होते हैं।
चक्रण क्वांटम संख्या का महत्व (Significance of Spin Quantum Number)
- यह इलेक्ट्रॉन के पाउली अपवर्जन सिद्धांत (Pauli Exclusion Principle) को समझाने में सहायक है।
- यह परमाणु के चुंबकीय और स्पेक्ट्रोस्कोपिक गुणों को स्पष्ट करता है।
- यह हंड के नियम (Hund’s Rule) के अनुपालन को समझने में सहायक है।