परिचय: प्रेरण (Inductance)
प्रेरण विद्युत चुम्बकीय प्रेरण से संबंधित एक गुण है। यह किसी विद्युत चालक का वह गुण है जो उसमें प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा में परिवर्तन का विरोध करता है। प्रेरण के दो मुख्य प्रकार हैं: स्वप्रेरण और अन्योन्य प्रेरण। इसका SI मात्रक हेनरी (Henry, H) है।
स्वप्रेरण (Self-Inductance)
परिभाषा: किसी कुंडली का वह गुण जिसके कारण वह स्वयं में प्रवाहित होने वाली धारा में किसी भी परिवर्तन का विरोध करती है, स्वप्रेरण कहलाता है।
- जब किसी कुंडली में धारा परिवर्तित होती है, तो उससे संबद्ध चुंबकीय फ्लक्स भी परिवर्तित होता है।
- फैराडे के नियम के अनुसार, इस फ्लक्स परिवर्तन के कारण कुंडली में ही एक विद्युत वाहक बल (EMF) प्रेरित हो जाता है, जिसे विरोधी EMF (Back EMF) कहते हैं।
- यह प्रेरित EMF धारा में परिवर्तन का विरोध करता है (लेन्ज के नियम के अनुसार)।
सूत्र
कुंडली से संबद्ध चुंबकीय फ्लक्स (Φ) उसमें प्रवाहित धारा (I) के समानुपाती होता है: Φ ∝ I, या Φ = LI
प्रेरित EMF (E) = -dΦ/dt = -L(dI/dt)
जहाँ L कुंडली का स्वप्रेरकत्व (Self-Inductance) है।
अन्योन्य प्रेरण (Mutual Inductance)
परिभाषा: जब पास-पास रखी दो कुंडलियों में से एक में धारा परिवर्तित की जाती है, तो दूसरी कुंडली में एक EMF प्रेरित होने की घटना को अन्योन्य प्रेरण कहते हैं।
- यह ट्रांसफार्मर के कार्य का आधारभूत सिद्धांत है।
- जिस कुंडली में धारा परिवर्तित होती है उसे प्राथमिक कुंडली (primary coil) और जिसमें EMF प्रेरित होता है उसे द्वितीयक कुंडली (secondary coil) कहते हैं।
सूत्र
द्वितीयक कुंडली से संबद्ध फ्लक्स (Φ₂) प्राथमिक कुंडली में धारा (I₁) के समानुपाती होता है: Φ₂ ∝ I₁, या Φ₂ = MI₁
द्वितीयक कुंडली में प्रेरित EMF (E₂) = -dΦ₂/dt = -M(dI₁/dt)
जहाँ M दोनों कुंडलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व (Mutual Inductance) है।
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: एक कुंडली का स्वप्रेरकत्व 5 H है। यदि 0.1 सेकंड में कुंडली में धारा 12 A से घटकर 7 A हो जाती है, तो कुंडली में प्रेरित EMF की गणना कीजिए।
हल:
दिया है:
L = 5 H
प्रारंभिक धारा (I₁) = 12 A
अंतिम धारा (I₂) = 7 A
समय अंतराल (dt) = 0.1 s
धारा में परिवर्तन (dI) = I₂ – I₁ = 7 – 12 = -5 A
सूत्र: E = -L (dI/dt)
E = -5 × (-5 / 0.1)
E = -5 × (-50)
E = 250 V