परिचय: संधारित्रों का संयोजन
विद्युत परिपथों में, वांछित धारिता प्राप्त करने के लिए अक्सर संधारित्रों को एक साथ जोड़ा जाता है। संयोजन के दो मुख्य तरीके हैं: श्रेणीक्रम संयोजन और समांतर क्रम संयोजन।
श्रेणीक्रम संयोजन (Series Combination)
जब संधारित्रों को एक के बाद एक इस प्रकार जोड़ा जाता है कि पहले संधारित्र की दूसरी प्लेट दूसरे की पहली प्लेट से जुड़ी हो, तो इसे श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं।
- प्रत्येक संधारित्र पर आवेश (Q) समान रहता है।
- कुल विभवांतर (V) अलग-अलग संधारित्रों के विभवांतरों के योग के बराबर होता है (V = V₁ + V₂ + …)।
- तुल्य धारिता हमेशा संयोजन में सबसे छोटी धारिता से भी कम होती है।
तुल्य धारिता का सूत्र
V = V₁ + V₂ + V₃
चूंकि V = Q/C, तो
Q/Cₑₙ = Q/C₁ + Q/C₂ + Q/C₃
1/Cₑₙ = 1/C₁ + 1/C₂ + 1/C₃
समांतर क्रम संयोजन (Parallel Combination)
जब सभी संधारित्रों की पहली प्लेटों को एक बिंदु से और दूसरी प्लेटों को दूसरे बिंदु से जोड़ा जाता है, तो इसे समांतर क्रम संयोजन कहते हैं।
- प्रत्येक संधारित्र पर विभवांतर (V) समान रहता है।
- कुल आवेश (Q) अलग-अलग संधारित्रों पर आवेशों के योग के बराबर होता है (Q = Q₁ + Q₂ + …)।
- तुल्य धारिता हमेशा संयोजन में सबसे बड़ी धारिता से भी अधिक होती है।
तुल्य धारिता का सूत्र
Q = Q₁ + Q₂ + Q₃
चूंकि Q = CV, तो
CₑₙV = C₁V + C₂V + C₃V
Cₑₙ = C₁ + C₂ + C₃
संख्यात्मक उदाहरण
उदाहरण
प्रश्न: 2 μF और 4 μF के दो संधारित्रों को पहले श्रेणीक्रम में और फिर समांतर क्रम में जोड़ा जाता है। दोनों स्थितियों में तुल्य धारिता ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है: C₁ = 2 μF, C₂ = 4 μF
1. श्रेणीक्रम संयोजन:
1/Cₑₙ = 1/C₁ + 1/C₂
1/Cₑₙ = 1/2 + 1/4 = (2+1)/4 = 3/4
Cₑₙ = 4/3 μF ≈ 1.33 μF
2. समांतर क्रम संयोजन:
Cₑₙ = C₁ + C₂
Cₑₙ = 2 + 4
Cₑₙ = 6 μF