सिग्मा बंध
सिग्मा बंध क्या है?
सिग्मा बंध (Sigma Bond) एक रासायनिक बंध है, जो दो परमाणुओं के बीच सरलतम और मजबूत बंध है। यह बंध उन परमाणुओं के बीच बनता है जहाँ दो ऑर्बिटल का सिर से सिर (Head-to-Head) संपर्क होता है।
यह बंध रासायनिक बंधों का प्राथमिक रूप है और प्रत्येक एकल बंध (Single Bond) सिग्मा बंध होता है।
सिग्मा बंध बनने की शर्तें
- दो परमाणुओं के बीच प्रत्यक्ष अभिविन्यास होना चाहिए।
- बंध बनाने वाले ऑर्बिटल्स का लैपिंग (Lapping) अधिकतम होना चाहिए।
- प्रमुख ऑर्बिटल्स जैसे कि s-s, s-p, और p-p ऑर्बिटल्स के बीच सिग्मा बंध बन सकते हैं।
मुख्य तथ्य और आंकड़े
- सिग्मा बंध की मजबूती पाई (π) बंध की तुलना में अधिक होती है।
- यह बंध रोटेशनल फ्रीडम प्रदान करता है, जिससे अणु स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं।
- सिग्मा बंध सहसंयोजी बंध का एक प्रमुख प्रकार है।
- सिग्मा बंध ध्रुवीय और अध्रुवीय दोनों प्रकार के यौगिकों में हो सकता है।
उदाहरण
यौगिक (Compound) | सिग्मा बंध की संख्या | संरचना |
---|---|---|
हाइड्रोजन (H₂) | 1 | H-H |
मीथेन (CH₄) | 4 | H-C-H |
एथीन (C₂H₄) | 5 | C=C |
एथाइन (C₂H₂) | 3 | C≡C |
सिग्मा बंध के गुण
- मजबूत बंध: सिग्मा बंध की मजबूती पाई बंध की तुलना में अधिक होती है।
- रोटेशनल फ्रीडम: सिग्मा बंध परमाणुओं के बीच रोटेशन की अनुमति देता है।
- ध्रुवीयता: यह बंध ध्रुवीय और अध्रुवीय यौगिकों में पाया जा सकता है।
- प्रत्यक्ष ऑर्बिटल ओवरलैप: सिग्मा बंध में ऑर्बिटल्स का सिर से सिर संपर्क होता है।
महत्त्व
- सिग्मा बंध रासायनिक यौगिकों की स्थिरता को समझने में मदद करता है।
- यह अणुओं की संरचना और उनके भौतिक गुणधर्मों को निर्धारित करता है।
- सिग्मा बंध का अध्ययन संपूर्ण रसायन विज्ञान के लिए आधारभूत है।