परिचय: टिंडल प्रभाव (Tyndall Effect)
टिंडल प्रभाव वह घटना है जिसमें कोलाइडल विलयन या बहुत महीन निलंबन में मौजूद कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन (scattering) होता है, जिससे प्रकाश का मार्ग दृश्यमान हो जाता है। इस प्रभाव की खोज 19वीं शताब्दी में वैज्ञानिक जॉन टिंडल ने की थी।
यह प्रभाव वास्तविक विलयन और कोलाइड के बीच अंतर करने का एक प्रमुख तरीका है।
टिंडल प्रभाव का कारण
टिंडल प्रभाव तब होता है जब प्रकाश की किरण ऐसे माध्यम से गुजरती है जिसमें निलंबित कणों का आकार प्रकाश की तरंगदैर्ध्य के बराबर या उससे थोड़ा बड़ा होता है।
- जब प्रकाश इन कणों से टकराता है, तो यह सभी दिशाओं में प्रकीर्णित (scattered) हो जाता है।
- यह प्रकीर्णित प्रकाश जब हमारी आंखों तक पहुंचता है, तो हमें प्रकाश का पथ एक चमकदार शंकु के रूप में दिखाई देता है।
- वास्तविक विलयन (True Solution) में विलेय के कण इतने छोटे होते हैं कि वे प्रकाश को प्रकीर्णित नहीं कर पाते, इसलिए वे टिंडल प्रभाव नहीं दिखाते हैं।
टिंडल प्रभाव के लिए आवश्यक शर्तें
- परिक्षिप्त कणों का व्यास आपतित प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से बहुत कम नहीं होना चाहिए।
- परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के अपवर्तनांक में पर्याप्त अंतर होना चाहिए।
दैनिक जीवन में उदाहरण
- सिनेमा हॉल में प्रोजेक्टर की किरण: जब सिनेमा हॉल में प्रोजेक्टर से प्रकाश निकलता है, तो हवा में मौजूद धूल और धुएं के कणों द्वारा प्रकीर्णित होने के कारण उसका पथ स्पष्ट दिखाई देता है।
- घने जंगल में सूर्य की किरणें: एक घने जंगल की छतरी (canopy) से जब सूर्य की किरणें गुजरती हैं, तो कोहरे या धुंध में मौजूद छोटी पानी की बूंदें प्रकाश को प्रकीर्णित करती हैं, जिससे किरणें दृश्यमान हो जाती हैं।
- आकाश का नीला रंग: आकाश का नीला रंग भी वायुमंडल में मौजूद गैस के अणुओं और धूल के कणों द्वारा सूर्य के प्रकाश के प्रकीर्णन का परिणाम है (हालांकि यह रैले प्रकीर्णन का एक अधिक विशिष्ट मामला है)।
अभ्यास प्रश्न (MCQs)
1. निम्नलिखित में से कौन सा टिंडल प्रभाव प्रदर्शित करेगा?
2. टिंडल प्रभाव प्रकाश की किस घटना से संबंधित है?
3. एक वास्तविक विलयन टिंडल प्रभाव क्यों नहीं दिखाता है?
4. आकाश का नीला रंग किस घटना का परिणाम है?
5. टिंडल प्रभाव का उपयोग किसके बीच अंतर करने के लिए किया जा सकता है?