बॉक्साइट (Bauxite)
⛏️ 1. परिचय (Introduction)
बॉक्साइट एल्यूमिनियम का प्रमुख अयस्क है। यह एल्यूमिना (Al2O3) का मुख्य स्रोत है, जिससे एल्यूमिनियम का उत्पादन किया जाता है। बॉक्साइट का उपयोग रिफ्रैक्टरी, एब्रेसिव और रसायन उद्योग में भी होता है।
🌐 2. प्रमुख खनन क्षेत्र (Major Mining Areas)
- ओडिशा: कालाहांडी, कोरापुट
- छत्तीसगढ़: सरगुजा, कोरबा
- झारखंड: लोहरदगा, रांची
- महाराष्ट्र: कोल्हापुर, रत्नागिरी
- गुजरात: कच्छ, जामनगर
- तमिलनाडु: सलेम
📊 3. उत्पादन सांख्यिकी (Production Statistics)
- भारत का कुल बॉक्साइट उत्पादन (2019-2020): लगभग 23 मिलियन टन
- विश्व में स्थान: बॉक्साइट उत्पादन में भारत विश्व में पाँचवें स्थान पर है
- प्रमुख उत्पादक राज्य: ओडिशा (34% से अधिक उत्पादन)
🏭 4. उपयोग (Uses)
- एल्यूमिनियम उत्पादन
- रिफ्रैक्टरी और एब्रेसिव
- रसायन उद्योग
- सीमेंट उद्योग
- पेट्रोलियम शोधन
📚 5. परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Exams)
- बॉक्साइट एल्यूमिनियम का मुख्य अयस्क है
- ओडिशा बॉक्साइट उत्पादन में अग्रणी है
- नाल्को (नेशनल एल्यूमिनियम कंपनी) भारत की प्रमुख एल्यूमिनियम उत्पादन कंपनी है
- भारत में बॉक्साइट का बड़ा भंडार है
- बॉक्साइट लाल रंग का होता है, जिसमें लोहे के ऑक्साइड की उपस्थिति होती है
💡 6. अन्य महत्वपूर्ण तथ्य (Other Important Facts)
- एल्यूमिनियम उत्पादन में विद्युत ऊर्जा की उच्च आवश्यकता होती है
- भारत एल्यूमिनियम का निर्यात भी करता है
- एल्यूमिनियम का पुनर्चक्रण पर्यावरण के लिए लाभकारी है
- बॉक्साइट की गुणवत्ता में अल्यूमिना की मात्रा महत्वपूर्ण होती है
🌍 7. पर्यावरणीय प्रभाव (Environmental Impact)
- खनन से वनों की कटाई और भूमि क्षरण
- जल स्रोतों पर प्रभाव
- अपशिष्ट प्रबंधन की आवश्यकता (रेड मड)
- पर्यावरणीय नियमों का पालन आवश्यक
🏛️ 8. सरकारी पहल (Government Initiatives)
- खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1957
- एल्यूमिनियम उद्योग के लिए विनिवेश और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन
- पर्यावरण संरक्षण के लिए नियमों का क्रियान्वयन
- बॉक्साइट खनन के लिए नीतिगत सुधार
- जनजातीय समुदायों के विकास के लिए योजनाएँ
🔍 9. निष्कर्ष (Conclusion)
बॉक्साइट भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उचित खनन प्रथाओं, पर्यावरण संरक्षण और तकनीकी उन्नयन के साथ, बॉक्साइट का उपयोग देश के विकास में किया जा सकता है।
बॉक्साइट पर प्रश्नोत्तरी
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) तांबा: इसका प्रमुख अयस्क चैल्कोसाइट होता है।
– (b) लोहा: इसका प्रमुख अयस्क हेमेटाइट है।
– (d) सोना: सोने का निष्कर्षण विशेष खनिजों से किया जाता है, बॉक्साइट से नहीं।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) छत्तीसगढ़: यहाँ बॉक्साइट का उत्पादन होता है, परंतु ओडिशा से कम।
– (c) झारखंड: उत्पादन है, परंतु सबसे अधिक नहीं।
– (d) महाराष्ट्र: यहाँ भी बॉक्साइट मिलता है, लेकिन उत्पादन कम है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) सिलिका: इसका उपयोग कांच निर्माण में होता है।
– (c) लोहा ऑक्साइड: यह लोहा अयस्क में पाया जाता है।
– (d) टाइटेनियम ऑक्साइड: यह टाइटेनियम धातु में होता है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) हॉल-हेरोल्ट प्रक्रिया: यह एल्यूमिनियम को शुद्ध करने के लिए है।
– (c) फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन: इसका उपयोग वाष्पशील द्रवों को अलग करने में होता है।
– (d) इलेक्ट्रोलिसिस: धातुओं को शुद्ध करने में उपयोगी होती है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) कैल्शियम कार्बोनेट: यह चूना पत्थर का मुख्य घटक है।
– (c) सिलिका: यह कांच के उत्पादन में उपयोग होता है।
– (d) लोहा ऑक्साइड: यह लौह अयस्क का प्रमुख घटक है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) तांबा: इसका अयस्क चैल्कोसाइट है।
– (b) निकल: इसका प्रमुख अयस्क पेंटलैंडाइट है।
– (d) जस्ता: इसका अयस्क स्फैलेराइट है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (a) 30%: वास्तविक प्रतिशत इससे अधिक है।
– (c) 70%: वास्तविक प्रतिशत 50% के आसपास होता है।
– (d) 90%: इतना उच्च प्रतिशत बॉक्साइट में नहीं पाया जाता।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) बैयर प्रक्रिया: यह एल्यूमिना के उत्पादन के लिए है।
– (c) फ्रैक्शनल डिस्टिलेशन: तरल पदार्थों के लिए।
– (d) कोलतार प्रक्रिया: यह बॉक्साइट से संबंधित नहीं है।
अन्य विकल्प क्यों गलत हैं: – (b) 2000°C: वास्तविक बिंदु इससे कम है।
– (c) 3000°C: इतनी ऊँचाई तक बॉक्साइट नहीं पिघलता।
– (d) 2500°C: बॉक्साइट का पिघलाव इससे पहले ही होता है।