ज्वालामुखीय लाभ (Benefits of Volcanoes)
उपजाऊ मृदा का निर्माण (Formation of Fertile Soil)
ज्वालामुखीय राख और लावा के जमने से अत्यधिक उपजाऊ मृदा का निर्माण होता है, जो कृषि के लिए लाभकारी होती है।
- एंडिसोल: ज्वालामुखीय मिट्टी को एंडिसोल कहा जाता है, जो खनिजों से भरपूर होती है।
- फसल उत्पादन बढ़ाने में सहायक, विशेषकर कॉफी, चाय, और धान जैसी फसलों के लिए।
- ज्वालामुखीय मिट्टी पानी को बेहतर तरीके से सोखती है, जिससे सूखा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- उदाहरण: इंडोनेशिया और हवाई के ज्वालामुखीय क्षेत्रों में उर्वर कृषि भूमि।
खनिज संसाधन और भू-तापीय ऊर्जा (Mineral Resources and Geothermal Energy)
ज्वालामुखी खनिज संसाधनों और भू-तापीय ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं:
- खनिज संसाधन:
- ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण सोना, चांदी, तांबा, और डायमंड जैसे खनिज सतह के पास जमा होते हैं।
- प्यूमिस और सल्फर जैसे खनिजों का वाणिज्यिक उपयोग।
- उदाहरण: इंडोनेशिया और चिली के ज्वालामुखीय क्षेत्रों में सल्फर का खनन।
- भू-तापीय ऊर्जा:
- ज्वालामुखीय क्षेत्रों में पृथ्वी की आंतरिक गर्मी का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए किया जाता है।
- यह नवीकरणीय ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
- उदाहरण: आइसलैंड, फिलीपींस, और न्यूजीलैंड में भू-तापीय ऊर्जा संयंत्र।
परीक्षापयोगी तथ्य
- ज्वालामुखीय मिट्टी (एंडिसोल) कृषि के लिए सबसे उपजाऊ मृदा में से एक है।
- इंडोनेशिया में ज्वालामुखीय सल्फर का खनन व्यापक है।
- आइसलैंड अपनी 90% से अधिक ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए भू-तापीय ऊर्जा पर निर्भर है।
- ज्वालामुखीय खनिज, जैसे प्यूमिस, निर्माण और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोगी हैं।
- ज्वालामुखीय क्षेत्रों में खनिज खनन आर्थिक विकास का स्रोत है।