1. परिचय (Introduction)
हालांकि ज्वालामुखी अपनी विनाशकारी प्रकृति के लिए जाने जाते हैं, लेकिन वे पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र और मानव सभ्यता के लिए कई महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव और लाभ भी प्रदान करते हैं। वे पृथ्वी पर जीवन के विकास में एक रचनात्मक शक्ति रहे हैं और आज भी महत्वपूर्ण संसाधन प्रदान करते हैं।
2. उपजाऊ मिट्टी का निर्माण (Creation of Fertile Soils)
- ज्वालामुखियों का यह सबसे महत्वपूर्ण लाभ है।
- ज्वालामुखी राख (Volcanic Ash) और लावा के अपक्षय (weathering) से बनी मिट्टी खनिजों से भरपूर होती है।
- इनमें पोटेशियम, फॉस्फोरस, और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक हैं।
- यही कारण है कि दुनिया के कुछ सबसे घनी आबादी वाले और कृषि की दृष्टि से उत्पादक क्षेत्र ज्वालामुखियों के पास स्थित हैं।
- उदाहरण: भारत का दक्कन पठार, जो बेसाल्टिक लावा से बना है, काली कपास मिट्टी के लिए प्रसिद्ध है। इंडोनेशिया में जावा द्वीप और इटली में माउंट विसुवियस के आसपास के क्षेत्र अपनी उपजाऊ ज्वालामुखीय मिट्टी के लिए जाने जाते हैं।
3. भूतापीय ऊर्जा (Geothermal Energy)
- ज्वालामुखीय क्षेत्रों में, पृथ्वी की आंतरिक गर्मी सतह के करीब होती है।
- इस गर्मी का उपयोग भूमिगत जल को गर्म करके भाप (Steam) बनाने के लिए किया जा सकता है।
- इस भाप का उपयोग टर्बाइन चलाकर स्वच्छ और नवीकरणीय बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, जिसे भूतापीय ऊर्जा कहते हैं।
- उदाहरण: आइसलैंड अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा भूतापीय ऊर्जा से पूरा करता है। न्यूजीलैंड, इटली, और संयुक्त राज्य अमेरिका (कैलिफोर्निया) भी भूतापीय ऊर्जा के प्रमुख उत्पादक हैं। भारत में, पुगा घाटी (लद्दाख) और मणिकरण (हिमाचल प्रदेश) में इसकी क्षमता है।
4. खनिज भंडारों का निर्माण (Formation of Mineral Deposits)
- ज्वालामुखीय प्रक्रियाएं पृथ्वी के भीतर से मूल्यवान खनिजों को सतह के करीब लाती हैं।
- जब मैग्मा ठंडा होता है, तो विभिन्न खनिज अलग-अलग तापमान पर क्रिस्टलीकृत होकर एक स्थान पर केंद्रित हो जाते हैं, जिससे आर्थिक रूप से व्यवहार्य अयस्क भंडार बनते हैं।
- इन खनिजों में हीरे, सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, और सल्फर शामिल हैं।
- उदाहरण: दक्षिण अफ्रीका की किम्बरलाइट पाइप्स हीरे के लिए प्रसिद्ध हैं। एंडीज पर्वत श्रृंखला तांबे के विशाल भंडारों के लिए जानी जाती है।
5. नई भूमि का निर्माण (Creation of New Land)
- समुद्र के नीचे ज्वालामुखी विस्फोट से लावा जमा होता है और समय के साथ यह समुद्र तल से ऊपर उठकर नए द्वीपों का निर्माण करता है।
- यह भूमि निर्माण की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो पृथ्वी की सतह को लगातार नया आकार देती है।
- उदाहरण: हवाई द्वीप श्रृंखला (Hawaiian Islands) पूरी तरह से ज्वालामुखीय गतिविधि का परिणाम है। आइसलैंड भी मध्य-अटलांटिक कटक पर ज्वालामुखीय गतिविधि द्वारा बनाया गया एक द्वीप है।
6. पर्यटन और मनोरंजन (Tourism and Recreation)
- ज्वालामुखी, गीजर, गर्म झरने और अन्य ज्वालामुखीय भू-आकृतियाँ दुनिया भर में प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं।
- यह स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए आय और रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करता है।
- उदाहरण: येलोस्टोन नेशनल पार्क (यूएसए) अपने गीजर (Old Faithful) और गर्म झरनों के लिए प्रसिद्ध है। माउंट फुजी (जापान) एक पवित्र पर्वत और लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
7. वायुमंडल और महासागरों का निर्माण (Formation of Atmosphere and Oceans)
- पृथ्वी के प्रारंभिक इतिहास में, ज्वालामुखियों ने आउटगैसिंग (Outgassing) की प्रक्रिया के माध्यम से भारी मात्रा में गैसें छोड़ीं।
- इन गैसों में मुख्य रूप से जलवाष्प (Water Vapour), कार्बन डाइऑक्साइड, और नाइट्रोजन शामिल थे।
- समय के साथ, जलवाष्प संघनित होकर वर्षा के रूप में गिरा, जिससे महासागरों का निर्माण हुआ। अन्य गैसों ने पृथ्वी के प्रारंभिक वायुमंडल का निर्माण किया।