जलवायु कारक और निर्धारण (Climate Factors and Determinants)
1. अक्षांश (Latitude)
अक्षांश जलवायु का सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक है। पृथ्वी के अक्षांश के अनुसार सूर्य की किरणों की तीव्रता और अवधि भिन्न होती है, जो जलवायु को प्रभावित करती है।
- उष्ण कटिबंध: भूमध्य रेखा के पास, सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे गर्म जलवायु बनती है।
- समशीतोष्ण क्षेत्र: 23.5° से 66.5° के बीच; मौसमों का स्पष्ट विभाजन।
- ध्रुवीय क्षेत्र: 66.5° के बाद, ठंडी जलवायु।
2. समुद्र तल से ऊंचाई (Altitude)
ऊंचाई बढ़ने के साथ तापमान कम होता है। यह जलवायु को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक है।
- तापमान: प्रत्येक 1000 मीटर की ऊंचाई पर तापमान लगभग 6.5°C गिरता है।
- वनस्पति: ऊंचाई के साथ वनस्पति में परिवर्तन होता है, जैसे पहाड़ों पर टुंड्रा और अल्पाइन वनस्पति।
- उदाहरण: हिमालय की ठंडी जलवायु।
3. महासागरीय धाराएं (Ocean Currents)
महासागरीय धाराएं समुद्री और तटीय क्षेत्रों की जलवायु को नियंत्रित करती हैं। गर्म धाराएं गर्मी लाती हैं, जबकि ठंडी धाराएं क्षेत्र को ठंडा बनाती हैं।
- गर्म धाराएं: गल्फ स्ट्रीम, कुरोशियो धारा।
- ठंडी धाराएं: कैलिफोर्निया धारा, हम्बोल्ट धारा।
- प्रभाव: धाराएं तटीय क्षेत्रों के तापमान और वर्षा पैटर्न को नियंत्रित करती हैं।
4. वायुमंडलीय परिसंचरण (Atmospheric Circulation)
वायुमंडलीय परिसंचरण पृथ्वी के वायुमंडल में हवा के प्रवाह को नियंत्रित करता है। यह गर्म और ठंडी हवा को स्थानांतरित करता है और जलवायु को प्रभावित करता है।
- हाडली सेल: भूमध्य रेखा से 30° अक्षांश तक हवा का प्रवाह।
- फेरेल सेल: 30° से 60° अक्षांश तक हवा का प्रवाह।
- ध्रुवीय सेल: 60° से ध्रुवीय क्षेत्रों तक हवा का प्रवाह।
5. वायु दाब बेल्ट (Pressure Belts)
पृथ्वी के विभिन्न भागों में वायुदाब का वितरण जलवायु को प्रभावित करता है। निम्न और उच्च दबाव क्षेत्र हवाओं और वर्षा को नियंत्रित करते हैं।
- भूमध्य रेखीय निम्न दबाव: गर्म और आर्द्र क्षेत्र।
- उच्च दबाव बेल्ट: 30° अक्षांश पर शुष्क क्षेत्र।
- ध्रुवीय उच्च दबाव: ठंडी और शुष्क जलवायु।