समुद्रों से जुड़े समसामयिक मुद्दे (Contemporary Issues Related to Seas)
ब्लू इकोनॉमी और सतत विकास (Blue Economy and Sustainable Development)
ब्लू इकोनॉमी (Blue Economy) का अर्थ समुद्र और उसके संसाधनों का सतत उपयोग करना है। यह अवधारणा समुद्री संसाधनों का आर्थिक लाभ प्रदान करते हुए पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने पर केंद्रित है।
- मुख्य घटक:
- मत्स्य पालन और जलीय कृषि।
- पर्यटन और समुद्री परिवहन।
- तेल, गैस, और खनिज अन्वेषण।
- नवीकरणीय ऊर्जा: ज्वारीय और अपतटीय पवन ऊर्जा।
- सतत विकास के लिए महत्त्व:
- आर्थिक विकास और रोजगार सृजन।
- पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण।
- खाद्य सुरक्षा और ऊर्जा उत्पादन।
महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण और वैश्विक पहलें (Plastic Pollution in Oceans and Global Initiatives)
महासागरों में प्लास्टिक प्रदूषण पर्यावरणीय संकट का मुख्य कारण बन चुका है। हर साल लाखों टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में पहुंचता है, जो समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाता है।
- प्रमुख समस्याएँ:
- समुद्री जीवन का खतरा: कछुए, मछलियाँ, और समुद्री पक्षी प्लास्टिक के ingestion और entanglement से प्रभावित होते हैं।
- माइक्रोप्लास्टिक: समुद्र के खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करता है और मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
- प्लास्टिक कचरे का जमाव: ग्रेट पैसिफिक गारबेज पैच (Great Pacific Garbage Patch)।
- वैश्विक पहलें:
- UNEP (United Nations Environment Programme) द्वारा “Clean Seas Campaign”।
- प्लास्टिक उपयोग को कम करने और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने के लिए SDG 14 (Life Below Water)।
- Ocean Cleanup Project: समुद्र से प्लास्टिक कचरा हटाने का प्रयास।