चक्रवात और तूफान (Cyclones and Hurricanes)
गठन की प्रक्रिया (Formation Process)
चक्रवात और तूफान उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गर्म महासागरों की सतह से गर्मी और नमी प्राप्त करके बनते हैं। यह प्रक्रिया निम्नलिखित चरणों में होती है:
- कम दबाव क्षेत्र: महासागर की सतह पर कम दबाव क्षेत्र बनता है।
- ऊर्ध्वाधर हवा का प्रवाह: गर्म हवा ऊपर उठती है और ठंडी हवा उसकी जगह लेने के लिए नीचे आती है।
- सर्पिल पैटर्न: पृथ्वी के घूर्णन (Coriolis Effect) के कारण हवा सर्पिल गति में चलने लगती है।
- नेत्र निर्माण: चक्रवात का केंद्र शांत रहता है, जिसे “नेत्र” कहा जाता है।
वर्गीकरण (Classification)
चक्रवातों और तूफानों को उनकी तीव्रता और हवा की गति के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है।
- श्रेणी 1: 74-95 मील प्रति घंटा (119-153 किमी/घंटा)।
- श्रेणी 2: 96-110 मील प्रति घंटा (154-177 किमी/घंटा)।
- श्रेणी 3: 111-129 मील प्रति घंटा (178-208 किमी/घंटा)।
- श्रेणी 4: 130-156 मील प्रति घंटा (209-251 किमी/घंटा)।
- श्रेणी 5: 157+ मील प्रति घंटा (252+ किमी/घंटा)।
प्रभावित क्षेत्र और तैयारी (Affected Areas and Preparedness)
चक्रवात और तूफान मुख्य रूप से तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। इससे बचने और क्षति को कम करने के लिए तैयारी आवश्यक है:
- प्रभावित क्षेत्र: भारत के पूर्वी और पश्चिमी तट, फिलीपींस, जापान, अमेरिका का फ्लोरिडा क्षेत्र।
- तैयारी:
- प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली स्थापित करना।
- तटीय क्षेत्रों में मजबूत बुनियादी ढाँचे का निर्माण।
- राहत सामग्री और बचाव दल तैयार रखना।
- आपातकालीन निकासी योजना बनाना।