शैल का परिचय (Introduction to Rocks)
आग्नेय शैल (Igneous Rocks)
गठन प्रक्रिया: ठोसकरण और क्रिस्टलीकरण (Formation Process: Solidification and Crystallization)
आग्नेय शैल मैग्मा (Magma) या लावा (Lava) के ठंडा होने और जमने से बनते हैं। जब मैग्मा पृथ्वी की सतह के नीचे ठंडा होता है, तो इसे अंतःस्फोटिक शैल कहते हैं। जब लावा सतह पर ठंडा होता है, तो इसे बहिर्स्फोटिक शैल कहते हैं।
प्रकार: अंतःस्फोटिक और बहिर्स्फोटिक शैल (Types: Intrusive and Extrusive Rocks)
- अंतःस्फोटिक शैल (Intrusive Rocks): मैग्मा के धीरे-धीरे ठंडा होने से बनते हैं। इनमें बड़े क्रिस्टल होते हैं। उदाहरण: ग्रेनाइट (Granite), गब्ब्रो (Gabbro)।
- बहिर्स्फोटिक शैल (Extrusive Rocks): लावा के तेजी से ठंडा होने से बनते हैं। इनमें छोटे या बिना क्रिस्टल होते हैं। उदाहरण: बेसाल्ट (Basalt), ओब्सीडियन (Obsidian)।
विशेषताएं और उदाहरण (Characteristics and Examples)
- क्रिस्टलीय संरचना होती है।
- खनिजों का मिश्रण: क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार, माइका आदि।
- मोटे दानेदार (ग्रेनाइट) से लेकर महीन दानेदार (बेसाल्ट) तक।
- उदाहरण:
- ग्रेनाइट: अंतःस्फोटिक, बड़े क्रिस्टल, निर्माण कार्यों में उपयोगी।
- बेसाल्ट: बहिर्स्फोटिक, महीन दानेदार, समुद्री पपड़ी का मुख्य घटक।
- ओब्सीडियन: कांच जैसी बनावट, तेज धार।
- प्यूमिस: हल्का, छिद्रयुक्त, पुमिस स्टोन के रूप में उपयोग।
अवसादी शैल (Sedimentary Rocks)
गठन प्रक्रिया: अवसादन और संघटन (Formation Process: Sedimentation and Lithification)
अवसादी शैल अवसादों (Sediments) के जमा होने, संपीड़न और सीमेंटेशन से बनते हैं। ये अवसाद जल, हवा, बर्फ आदि के द्वारा लाए जाते हैं और परतों में जमा होते हैं। समय के साथ, ये परतें संघटन (Lithification) की प्रक्रिया से ठोस शैल में बदल जाती हैं।
प्रकार: क्लास्टिक, रासायनिक और जैविक अवसादी शैल (Types: Clastic, Chemical, and Organic Sedimentary Rocks)
- क्लास्टिक अवसादी शैल (Clastic Sedimentary Rocks): शैलों और खनिजों के टूटे हुए टुकड़ों से बने। उदाहरण: शेल (Shale), बलुआ पत्थर (Sandstone), कंकड़ पत्थर (Conglomerate)।
- रासायनिक अवसादी शैल (Chemical Sedimentary Rocks): घुले हुए पदार्थों के अवक्षेपण से बने। उदाहरण: चूना पत्थर (Limestone), डोलोमाइट (Dolomite)।
- जैविक अवसादी शैल (Organic Sedimentary Rocks): जैविक अवशेषों से बने। उदाहरण: कोयला (Coal), चाक (Chalk)।
विशेषताएं और उदाहरण (Characteristics and Examples)
- परतदार संरचना होती है, जिसे स्तरीकरण (Stratification) कहते हैं।
- जीवाश्मों (Fossils) की उपस्थिति संभव है।
- उदाहरण:
- शेल: महीन दानेदार, क्ले से बना, तेल और गैस का स्रोत।
- बलुआ पत्थर: मध्यम दानेदार, निर्माण में उपयोगी।
- चूना पत्थर: कैल्शियम कार्बोनेट से समृद्ध, सीमेंट उद्योग में उपयोगी।
- कोयला: जैविक, ऊर्जा का प्रमुख स्रोत।
रूपांतरित शैल (Metamorphic Rocks)
गठन प्रक्रिया: तापमान और दबाव के प्रभाव (Formation Process: Effects of Temperature and Pressure)
रूपांतरित शैल मौजूदा शैलों के तापमान (Temperature), दबाव (Pressure) या रासायनिक प्रक्रियाओं के प्रभाव से बनते हैं। यह प्रक्रिया शैलों की संरचना और खनिज सामग्री को बदल देती है।
प्रकार: पट्टीदार और अपट्टीदार शैल (Types: Foliated and Non-foliated Rocks)
- पट्टीदार शैल (Foliated Rocks): खनिजों का समानांतर संरेखण, परतदार बनावट। उदाहरण: स्लेट (Slate), ग्नीस (Gneiss), शिस्ट (Schist)।
- अपट्टीदार शैल (Non-foliated Rocks): बिना परतदार बनावट, खनिजों का अनियमित वितरण। उदाहरण: संगमरमर (Marble), क्वार्टजाइट (Quartzite)।
विशेषताएं और उदाहरण (Characteristics and Examples)
- मूल शैल की तुलना में अधिक कठोर।
- नए खनिजों का गठन हो सकता है।
- उदाहरण:
- संगमरमर: चूना पत्थर का रूपांतरण, निर्माण और मूर्तिकला में उपयोगी।
- स्लेट: शेल का रूपांतरण, छत की टाइलों में उपयोगी।
- ग्नीस: ग्रेनाइट का रूपांतरण, पट्टीदार संरचना।
- क्वार्टजाइट: बलुआ पत्थर का रूपांतरण, कठोर और टिकाऊ।
शैलों का चक्र (Rock Cycle)
शैलों का चक्र एक निरंतर भूवैज्ञानिक प्रक्रिया है जिसमें शैलों के तीनों प्रकार एक-दूसरे में परिवर्तित होते रहते हैं।
- आग्नेय शैलों के टूटने से अवसाद बनते हैं, जो अवसादी शैल बनाते हैं।
- अवसादी शैल तापमान और दबाव से रूपांतरित शैल में बदल सकते हैं।
- रूपांतरित शैल पिघलकर मैग्मा बन सकते हैं, जिससे आग्नेय शैल बनते हैं।
महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts)
- आग्नेय शैलों को ‘मातृ शैल’ (Mother Rocks) भी कहा जाता है।
- अवसादी शैलों में जीवाश्म पाए जाते हैं, जो भूवैज्ञानिक इतिहास का अध्ययन करने में सहायक हैं।
- रूपांतरित शैलों का निर्माण पृथ्वी की पपड़ी के भीतर गहराई पर होता है।
- भारत में दक्कन ट्रैप क्षेत्र में बेसाल्ट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
- ग्रेनाइट का उपयोग निर्माण और स्मारकों में होता है।
- कोयला भारत में झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पाया जाता है।
- संगमरमर राजस्थान के मकराना क्षेत्र में पाया जाता है।
- क्वार्टजाइट हरियाणा और राजस्थान में पाया जाता है।
- शेल गैस अवसादी शैलों में फंसी प्राकृतिक गैस है, जिसका उपयोग ऊर्जा उत्पादन में होता है।
- पेट्रोलॉजी शैलों का अध्ययन है, जबकि मिनरोलॉजी खनिजों का अध्ययन है।