ज्वालामुखी वितरण (Distribution of Volcanoes)
“रिंग ऑफ फायर” और अन्य प्रमुख ज्वालामुखीय क्षेत्र (Ring of Fire and Other Major Volcanic Zones)
रिंग ऑफ फायर पृथ्वी के सबसे सक्रिय ज्वालामुखीय क्षेत्रों में से एक है, जो प्रशांत महासागर को घेरे हुए है। यह क्षेत्र प्लेट टेक्टोनिक्स की संगमनी सीमा पर स्थित है।
- मुख्य क्षेत्र: प्रशांत महासागर के किनारे (जापान, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अमेरिका)।
- दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी और 90% भूकंप इसी क्षेत्र में होते हैं।
- प्रमुख ज्वालामुखी: क्राकाटोआ (इंडोनेशिया), माउंट सेंट हेलेंस (अमेरिका), फुजी (जापान)।
अन्य प्रमुख ज्वालामुखीय क्षेत्र:
- मध्य-अटलांटिक रिज: अपसरण सीमा पर स्थित, जहां लावा का धीमा प्रवाह होता है।
- पूर्वी अफ्रीकी रिफ्ट वैली: यहां इंट्राप्लेट ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
- भूमध्यसागरीय क्षेत्र: संगमनी सीमा का हिस्सा; प्रमुख ज्वालामुखी: माउंट वेसुवियस (इटली)।
भारत और विश्व में ज्वालामुखी (Volcanoes in India and the World)
भारत: भारत में ज्वालामुखीय गतिविधि अपेक्षाकृत कम है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण ज्वालामुखी हैं:
- बैरन द्वीप: भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित।
- नारकोंडम: सुप्त ज्वालामुखी, अंडमान क्षेत्र।
- दक्षिण भारत: कुछ प्राचीन ज्वालामुखीय क्षेत्र (जैसे, डेक्कन ट्रैप्स)।
विश्व: दुनिया के प्रमुख ज्वालामुखी क्षेत्रों में शामिल हैं:
- हवाई द्वीप: मौना लोआ और किलाउआ जैसे सक्रिय ज्वालामुखी।
- आइसलैंड: यूरोप का ज्वालामुखीय क्षेत्र; मुख्य ज्वालामुखी: ऐजाफ्जल्लाजोकुल।
- इंडोनेशिया: दुनिया में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी; मुख्य ज्वालामुखी: माउंट मेरापी, क्राकाटोआ।
- जापान: प्रसिद्ध फुजी पर्वत सहित सैकड़ों ज्वालामुखी।
- इटली: माउंट वेसुवियस और एटना जैसे ऐतिहासिक ज्वालामुखी।
परीक्षापयोगी तथ्य
- “रिंग ऑफ फायर” में दुनिया के 75% सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं।
- भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी: बैरन द्वीप।
- डेक्कन ट्रैप्स भारत में प्राचीन ज्वालामुखीय गतिविधि का उदाहरण है।
- इंडोनेशिया में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी हैं।
- मध्य-अटलांटिक रिज पर ज्वालामुखी समुद्र तल पर होते हैं।