1. परिचय (Introduction)
ज्वालामुखियों का वितरण पृथ्वी पर यादृच्छिक (random) नहीं है। वे स्पष्ट रूप से परिभाषित पेटियों या क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह वितरण सीधे तौर पर प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics) के सिद्धांत से संबंधित है। दुनिया के अधिकांश ज्वालामुखी टेक्टोनिक प्लेटों की सीमाओं के साथ स्थित हैं, जहाँ प्लेटें या तो टकरा रही हैं या एक-दूसरे से दूर जा रही हैं।
2. परि-प्रशांत पेटी (The Circum-Pacific Belt) – रिंग ऑफ फायर
- इसे “प्रशांत महासागर का रिंग ऑफ फायर” (Pacific Ring of Fire) के नाम से जाना जाता है।
- यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे महत्वपूर्ण ज्वालामुखी पेटी है।
- दुनिया के दो-तिहाई (लगभग 75%) से अधिक सक्रिय ज्वालामुखी इसी क्षेत्र में स्थित हैं।
- कारण: यह पेटी प्रशांत प्लेट की अभिसारी सीमाओं (Convergent Boundaries) से मेल खाती है, जहाँ प्रशांत प्लेट अन्य प्लेटों के नीचे प्रविष्ठित (Subducting) हो रही है। इस प्रक्रिया से फ्लक्स मेल्टिंग के कारण मैग्मा बनता है, जिससे विस्फोटक ज्वालामुखी बनते हैं।
- क्षेत्र: यह पेटी दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वत से शुरू होकर उत्तरी अमेरिका (कास्केड रेंज), अलास्का, जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, और न्यूजीलैंड तक फैली हुई है।
3. मध्य-महाद्वीपीय पेटी (The Mid-Continental Belt)
- यह दुनिया की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण ज्वालामुखी पेटी है।
- यह अल्पाइन-हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं के साथ फैली हुई है।
- कारण: यह यूरेशियन प्लेट और दक्षिण की ओर की प्लेटों (अफ्रीकी, अरबी और भारतीय प्लेटों) के बीच टकराव के कारण बनी है।
- क्षेत्र: यह पेटी आल्प्स से शुरू होकर भूमध्य सागर (स्ट्रोमबोली, विसुवियस, एटना), तुर्की, ईरान से होते हुए हिमालय तक जाती है। हालांकि, हिमालयी क्षेत्र में बहुत कम सक्रिय ज्वालामुखी हैं क्योंकि यहाँ महाद्वीपीय-महाद्वीपीय टकराव के कारण भूपर्पटी बहुत मोटी हो गई है।
4. मध्य-अटलांटिक पेटी (The Mid-Atlantic Belt)
- यह पेटी मध्य-अटलांटिक कटक (Mid-Atlantic Ridge) के साथ स्थित है, जो एक अपसारी प्लेट सीमा (Divergent Plate Boundary) है।
- कारण: यहाँ प्लेटें एक-दूसरे से दूर जा रही हैं, जिससे मेंटल से मैग्मा ऊपर उठता है और डीकंप्रेसन मेल्टिंग के कारण पिघल जाता है।
- विशेषता: यहाँ मुख्य रूप से दरारी उद्भेदन (Fissure Eruptions) और शील्ड ज्वालामुखी पाए जाते हैं, जिनसे शांत बेसाल्टिक लावा निकलता है।
- उदाहरण: आइसलैंड, जो कटक का सबसे बड़ा उभरा हुआ हिस्सा है, और अज़ोरेस द्वीप।
5. अंतरा-प्लेट ज्वालामुखी (Intra-plate Volcanoes) – हॉटस्पॉट
- ये ज्वालामुखी प्लेटों की सीमाओं पर नहीं, बल्कि प्लेटों के बीच में स्थित होते हैं।
- कारण: इनका निर्माण मैंटल प्लम (Mantle Plumes) के कारण होता है, जो मेंटल के भीतर से गर्म पदार्थ के स्तंभ होते हैं और ऊपर की प्लेट को पिघला देते हैं।
- विशेषता: जैसे ही प्लेट हॉटस्पॉट के ऊपर से गुजरती है, ज्वालामुखियों की एक रैखिक श्रृंखला (Linear Chain) बन जाती है।
- उदाहरण: हवाई द्वीप श्रृंखला (प्रशांत प्लेट), रियूनियन द्वीप (अफ्रीकी प्लेट), और भारत का दक्कन ट्रैप भी एक हॉटस्पॉट गतिविधि का परिणाम माना जाता है।