पर्वतों का आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व (Economic and Cultural Importance of Mountains)
खनिज संसाधन और जल विद्युत (Mineral Resources and Hydropower)
पर्वतों का आर्थिक महत्व उनकी खनिज संपदा और जल विद्युत उत्पादन में निहित है:
- खनिज संसाधन:
- पर्वतीय क्षेत्रों में सोना, तांबा, कोयला, और लौह अयस्क जैसे बहुमूल्य खनिज पाए जाते हैं।
- एटलस और एंडीज पर्वत खनिज उत्पादन के प्रमुख केंद्र हैं।
- हिमालय में चूना पत्थर और अन्य औद्योगिक खनिज पाए जाते हैं।
- जल विद्युत:
- पर्वतीय नदियाँ जल विद्युत उत्पादन का प्रमुख स्रोत हैं।
- भाखड़ा नांगल और टिहरी बांध जैसे प्रमुख जल विद्युत परियोजनाएँ पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं।
- यह ऊर्जा का एक स्थायी और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित स्रोत है।
पर्यटन और सांस्कृतिक विरासत (Tourism and Cultural Heritage)
पर्वतों का सांस्कृतिक महत्व उनके पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहरों में परिलक्षित होता है:
- पर्यटन:
- हिमालय, आल्प्स, और रॉकी पर्वत जैसे स्थल साहसिक खेलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हैं।
- पर्वतीय पर्यटन स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देता है।
- पर्वतीय क्षेत्र साहसिक गतिविधियों, जैसे पर्वतारोहण, स्कीइंग और ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध हैं।
- सांस्कृतिक विरासत:
- पर्वतीय क्षेत्रों में धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल जैसे कैलाश पर्वत और माउंट फुजी स्थित हैं।
- स्थानीय समुदायों की संस्कृति और परंपराएँ अद्वितीय हैं।
- पर्वतीय क्षेत्र पवित्र तीर्थस्थलों और आध्यात्मिक केंद्रों के लिए प्रसिद्ध हैं।
परीक्षापयोगी तथ्य
- हिमालय में भारत की 70% जल विद्युत क्षमता निहित है।
- एंडीज पर्वत में दुनिया का सबसे बड़ा तांबा भंडार पाया जाता है।
- कैलाश पर्वत को चार प्रमुख नदियों का स्रोत माना जाता है: सिंधु, ब्रह्मपुत्र, सतलज, और करनाली।
- आल्प्स पर्वत यूरोप का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल है, जो हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- पर्वतीय क्षेत्र वैश्विक खनिज उत्पादन में 40% से अधिक का योगदान देते हैं।