जलमंडल से जुड़े पर्यावरणीय मुद्दे (Environmental Issues Related to Hydrosphere)
महासागर अम्लीकरण (Ocean Acidification)
महासागर अम्लीकरण (Ocean Acidification) तब होता है जब समुद्री जल वायुमंडल से अत्यधिक कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) अवशोषित करता है। यह महासागरों के पीएच स्तर को कम करता है और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करता है।
- मुख्य कारण:
- औद्योगिक क्रियाकलापों के कारण वायुमंडलीय CO2 में वृद्धि।
- जंगलों की कटाई और जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक उपयोग।
- प्रभाव:
- कोरल रीफ (Coral Reefs) का क्षरण।
- समुद्री जीवों जैसे शंख और घोंघे के खोल कमजोर होना।
- समुद्री भोजन की शृंखला में असंतुलन।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
पिछले 200 वर्षों में महासागरों की अम्लता 30% बढ़ी है।
कारण | प्रभाव |
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CO2 का अत्यधिक उत्सर्जन | पानी की अम्लता में वृद्धि। |
औद्योगिकरण | कोरल रीफ और समुद्री जीवन को नुकसान। |
जंगलों की कटाई | कार्बन अवशोषण क्षमता में कमी। |
मृत क्षेत्र और यूट्रोफिकेशन (Dead Zones and Eutrophication)
मृत क्षेत्र (Dead Zones) वे क्षेत्र हैं जहाँ जल में ऑक्सीजन की मात्रा इतनी कम होती है कि वहाँ कोई जलीय जीवन जीवित नहीं रह सकता। यूट्रोफिकेशन (Eutrophication) जल निकायों में अत्यधिक पोषक तत्वों के जमाव के कारण होता है, जिससे शैवाल की अत्यधिक वृद्धि होती है और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
- मुख्य कारण:
- कृषि अपवाह में अत्यधिक नाइट्रोजन और फॉस्फोरस।
- औद्योगिक और घरेलू अपशिष्ट जल।
- प्रमुख प्रभाव:
- जलीय जीवन का विलुप्त होना।
- पेयजल की गुणवत्ता में गिरावट।
- मत्स्य पालन उद्योग को नुकसान।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
दुनिया भर में 400 से अधिक मृत क्षेत्र मौजूद हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल 245,000 वर्ग किलोमीटर है।
कारण | प्रभाव |
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कृषि अपवाह | यूट्रोफिकेशन और मृत क्षेत्र। |
औद्योगिक कचरा | पानी में ऑक्सीजन की कमी। |
घरेलू अपशिष्ट | जलीय पारिस्थितिकी तंत्र का विनाश। |