बाढ़ (Floods)
बाढ़ के कारण (Causes of Floods)
बाढ़ तब होती है जब किसी क्षेत्र में पानी की मात्रा सामान्य सीमा से अधिक हो जाती है। इसके मुख्य कारण हैं:
- अत्यधिक वर्षा: लगातार भारी बारिश से नदियों और झीलों का जलस्तर बढ़ जाता है।
- नदी का अवरोध: जल प्रवाह में रुकावट या मार्ग बदलना।
- बांध का टूटना: बांधों के विफल होने से अचानक जलप्रवाह।
- तटीय बाढ़: समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, जैसे सुनामी या चक्रवात के कारण।
- शहरीकरण: जल निकासी की कमी और सीमेंटेड सतहों के कारण जलभराव।
बाढ़ के प्रकार (Types of Floods)
- फ्लैश फ्लड: अचानक और तीव्र बाढ़, आमतौर पर भारी बारिश के कारण।
- नदी बाढ़: नदियों के जलस्तर के बढ़ने से।
- तटीय बाढ़: समुद्री जलस्तर में वृद्धि के कारण।
- शहरी बाढ़: शहरी क्षेत्रों में जल निकासी की कमी से।
बाढ़ प्रबंधन (Flood Management)
बाढ़ से बचाव और प्रभाव को कम करने के लिए उचित प्रबंधन आवश्यक है। इसके मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं:
- जल निकासी प्रणाली: जल निकासी चैनलों को साफ और संरक्षित रखना।
- बांध और बैराज: जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए।
- वनरोपण: वनस्पति जल धारण और मिट्टी का कटाव रोकने में मदद करती है।
- बाढ़ चेतावनी प्रणाली: समय पर चेतावनी और निकासी।
- राहत और पुनर्वास: प्रभावित लोगों के लिए त्वरित राहत कार्य।
बाढ़ जोखिम क्षेत्रों का मानचित्रण (Mapping of Flood-Prone Areas)
बाढ़ जोखिम क्षेत्रों का मानचित्रण इन क्षेत्रों की पहचान और योजना बनाने के लिए आवश्यक है। यह निम्नलिखित तरीकों से किया जाता है:
- भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS): बाढ़ प्रवाह और जोखिम क्षेत्रों का विश्लेषण।
- सैटेलाइट इमेजरी: जल स्तर और संभावित जोखिम क्षेत्रों का अवलोकन।
- इतिहासिक डेटा: पूर्व बाढ़ की घटनाओं का रिकॉर्ड।
- स्थानीय समुदाय की जानकारी: स्थानीय अनुभव और ज्ञान का उपयोग।