ग्लेशियर और आइस कैप (Glaciers and Ice Caps)
ग्लेशियरों का गठन और गतिशीलता (Formation and Movement of Glaciers)
ग्लेशियर (Glaciers) ठोस बर्फ के बड़े संग्रह होते हैं जो भूमि की सतह पर जमा होते हैं। ये तब बनते हैं जब बर्फ और बर्फबारी के दबाव के कारण बर्फ संकुचित हो जाती है। यह प्रक्रिया हजारों वर्षों तक चल सकती है।
- गठन के चरण:
- बर्फ जमा होना: ठंडे क्षेत्रों में वर्षा बर्फ के रूप में होती है और धीरे-धीरे जमा होती है।
- संकुचन: समय के साथ, दबाव से बर्फ घनी हो जाती है और बर्फ के क्रिस्टल एकजुट होते हैं।
- ग्लेशियर निर्माण: बर्फ एक बर्फीले ढांचे में परिवर्तित हो जाती है, जिसे ग्लेशियर कहा जाता है।
- गतिशीलता:
- ग्लेशियर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धीरे-धीरे नीचे की ओर खिसकते हैं।
- ग्लेशियर की गति वर्षा, ढाल और तापमान पर निर्भर करती है।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
दुनिया का 10% भूमि क्षेत्र ग्लेशियरों से ढका हुआ है।
क्षेत्र | मुख्य ग्लेशियर | विशेषता |
---|---|---|
अंटार्कटिका | लैंबर्ट ग्लेशियर (Lambert Glacier) | दुनिया का सबसे बड़ा ग्लेशियर |
हिमालय | सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) | दुनिया का दूसरा सबसे लंबा ग्लेशियर |
ग्रीनलैंड | जेकोब्शावन ग्लेशियर (Jakobshavn Glacier) | तेज़ी से पिघलने वाला ग्लेशियर |
समुद्र स्तर में वृद्धि पर प्रभाव (Impact on Sea Level Rise)
ग्लेशियर और आइस कैप (Ice Caps) के पिघलने से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग इस प्रक्रिया को तेज कर रहे हैं।
- मुख्य कारण:
- ग्लेशियरों का पिघलना गर्मी के कारण अधिक हो गया है।
- ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका के आइस कैप्स का तेजी से पिघलना।
- प्रभाव:
- निम्न इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
- विश्व के लगभग 200 मिलियन लोग तटीय क्षेत्रों में रहते हैं, जो इस वृद्धि से प्रभावित हो सकते हैं।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
पिछले 100 वर्षों में समुद्र स्तर में 20 सेमी की वृद्धि हुई है।
क्षेत्र | प्रमुख पिघलने वाला ग्लेशियर | समुद्र स्तर पर प्रभाव |
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ग्रीनलैंड | जेकोब्शावन ग्लेशियर (Jakobshavn Glacier) | ग्लोबल वार्मिंग के कारण तेज़ी से पिघल रहा है। |
अंटार्कटिका | थ्वाइट्स ग्लेशियर (Thwaites Glacier) | पिघलने के कारण समुद्र स्तर में वृद्धि। |