भूमिगत जल (Groundwater)
जलभृत और उनकी महत्ता (Aquifers and Their Significance)
जलभृत (Aquifers) भूगर्भीय संरचनाएँ हैं जिनमें पानी संग्रहित होता है। यह भूमिगत जल स्रोत मानव जीवन के लिए महत्त्वपूर्ण है। यह कृषि, पेयजल, और औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
- मुख्य प्रकार:
- भुरभुरी जलभृत (Unconfined Aquifers): सतह के निकट स्थित होते हैं और आसानी से पुनर्भरण (Recharge) होते हैं।
- संवद्र्धित जलभृत (Confined Aquifers): कठोर चट्टानों के बीच स्थित होते हैं और इनमें सीमित पुनर्भरण क्षमता होती है।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
दुनिया के लगभग 30% ताजे पानी का स्रोत भूमिगत जल है।
क्षेत्र | मुख्य जलभृत | महत्त्व |
---|---|---|
सहारा रेगिस्तान | न्युबियन जलभृत (Nubian Aquifer) | जीवनरेखा और सिंचाई |
उत्तरी अमेरिका | ओगालाला जलभृत (Ogallala Aquifer) | कृषि और सिंचाई |
ऑस्ट्रेलिया | ग्रेट आर्टेशियन बेसिन (Great Artesian Basin) | शुष्क क्षेत्रों के लिए जल स्रोत |
भूमिगत जल की पुनर्भरण और दोहन (Recharge and Exploitation of Groundwater)
भूमिगत जल का पुनर्भरण प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें सतह से जल भूमि के अंदर जलभृतों में प्रवेश करता है। मानव द्वारा जल का अत्यधिक दोहन (Overexploitation) पुनर्भरण दर से तेज हो रहा है, जिससे जल स्तर में गिरावट हो रही है।
- प्राकृतिक पुनर्भरण:
- वर्षा जल का भूमि में प्रवेश।
- नदियों और झीलों के माध्यम से जल का रिसाव।
- दोहन की समस्या:
- कई क्षेत्रों में जल का स्तर 1-2 मीटर प्रति वर्ष की दर से घट रहा है।
- प्रमुख प्रभावित क्षेत्र: मिडल ईस्ट, उत्तरी अफ्रीका और अमेरिका।
महत्त्वपूर्ण आँकड़ा:
दुनिया की 60% आबादी भूमिगत जल पर निर्भर है।
क्षेत्र | पुनर्भरण का स्तर | दोहन का स्तर |
---|---|---|
मिडल ईस्ट | कम | उच्च |
उत्तरी अफ्रीका | कम | उच्च |
अमेज़न बेसिन | उच्च | निम्न |