जलमंडल का परिचय
परिभाषा और संरचना (Definition and Composition)
जलमंडल (Hydrosphere) पृथ्वी की वह परत है, जिसमें सभी प्रकार के जल स्रोत शामिल हैं, जैसे महासागर, नदियाँ, झीलें, भूमिगत जल, और जलवाष्प। यह पृथ्वी की सतह का लगभग 71% भाग कवर करता है। जलमंडल न केवल जीवन के लिए आवश्यक है, बल्कि यह पृथ्वी की जलवायु और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
जलमंडल में जल मुख्यतः निम्नलिखित रूपों में पाया जाता है:
- तरल रूप (Liquid Form) – महासागर, नदियाँ, झीलें, भूमिगत जल
- ठोस रूप (Solid Form) – हिमनद, बर्फ की चादरें
- गैसीय रूप (Gaseous Form) – जलवाष्प
पृथ्वी पर जल का वितरण (Distribution of Water on Earth)
पृथ्वी पर जल का वितरण असमान है। इसका अधिकांश भाग महासागरों में पाया जाता है। ताजे पानी का केवल एक छोटा भाग पृथ्वी की कुल जल मात्रा का हिस्सा है।
जल स्रोत | जल का प्रतिशत | विशेषताएँ |
---|---|---|
महासागर | 96.5% | लवणीय जल, पृथ्वी के जलवायु तंत्र को प्रभावित करता है। |
हिमनद और बर्फ | 1.74% | ताजे पानी का सबसे बड़ा स्रोत, मुख्यतः ध्रुवीय क्षेत्रों में। |
भूमिगत जल | 1.7% | कृषि और पीने के लिए प्रमुख स्रोत। |
नदियाँ और झीलें | 0.013% | जल चक्र का प्रमुख हिस्सा। |
जलवाष्प | 0.001% | वायुमंडल में जल का हिस्सा, जलवायु में भूमिका निभाता है। |
महत्व (Significance)
- जलमंडल पृथ्वी के जल चक्र का प्रमुख हिस्सा है।
- यह जलवायु नियंत्रण, कृषि, और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- मानव सभ्यता का विकास जल स्रोतों के पास हुआ है।