ज्वालामुखी का परिचय (Introduction to Volcanoes)
ज्वालामुखी की परिभाषा और महत्व
ज्वालामुखी वह स्थलाकृति है जहां पृथ्वी की सतह से मैग्मा (Magma), गैस, और राख (Ash) बाहर निकलते हैं। यह प्रक्रिया पृथ्वी के आंतरिक ऊष्मा और दबाव को सतह तक लाने में मदद करती है।
महत्व:
- ज्वालामुखी खनिज संसाधनों का स्रोत हैं, जैसे प्यूमिस, सल्फर, और बेसाल्ट।
- ज्वालामुखी मिट्टी को उर्वर बनाते हैं, जो कृषि के लिए फायदेमंद होती है।
- ये पृथ्वी के आंतरिक संरचना को समझने में सहायता करते हैं।
- हवाई द्वीप जैसे ज्वालामुखी निर्माण भूभाग का निर्माण करते हैं।
पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं में भूमिका
ज्वालामुखी पृथ्वी की आंतरिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- गर्मी और दबाव का निर्वहन: ज्वालामुखी पृथ्वी के आंतरिक ऊष्मा और दबाव को संतुलित करते हैं।
- प्लेट टेक्टोनिक्स: ज्वालामुखी मुख्यतः संगमनी और अपसरण सीमा पर पाए जाते हैं, जो प्लेट टेक्टोनिक्स का हिस्सा हैं।
- कार्बन चक्र: ज्वालामुखी वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य गैसों का योगदान करते हैं।
- भूगर्भीय परिवर्तन: ज्वालामुखी विस्फोट से पहाड़, द्वीप, और घाटियों का निर्माण होता है।
परीक्षापयोगी तथ्य
- दुनिया के लगभग 75% ज्वालामुखी “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित हैं।
- सबसे ऊंचा सक्रिय ज्वालामुखी: ओजोस डेल सलाडो (6893 मीटर), चिली और अर्जेंटीना।
- सबसे बड़ा ज्वालामुखी: मौना लोआ (हवाई)।
- भारत में एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी: बैरन द्वीप (अंडमान और निकोबार)।
- ज्वालामुखी मुख्यतः संगमनी और अपसरण सीमा पर पाए जाते हैं।