भारत के प्राकृतिक क्षेत्र (Natural Regions of India)
🌍 1. पेलियोमैग्नेटिज़्म और भारतीय प्लेट (Paleomagnetism and the Indian Plate)
पेलियोमैग्नेटिज़्म वह विज्ञान की शाखा है जो चट्टानों, तलछटों, या अन्य पदार्थों में संरक्षित चुंबकीय गुणों का अध्ययन करती है। यह प्राचीन भूवैज्ञानिक घटनाओं का अध्ययन करने में सहायक है।
महाद्वीपीय प्रवाह सिद्धांत के अनुसार, भारतीय मुख्य भूमि गोंडवाना भूमि (Gondwanaland) का हिस्सा थी। गोंडवाना भूमि में वर्तमान भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिका के क्षेत्र शामिल थे।
🌎 2. गोंडवाना भूमि से भारतीय प्लेट का विभाजन (Split from Gondwanaland)
- मध्य मेसोज़ोइक युग (जुरासिक अवधि, लगभग 200 मिलियन वर्ष पहले) में गोंडवाना भूमि कई टुकड़ों में विभाजित हो गई।
- भारतीय प्लेट गोंडवाना भूमि से विभाजित होकर उत्तर दिशा में बहने लगी।
- भारतीय प्लेट ने उत्तर में यूरेशियन प्लेट से टकराकर हिमालय पर्वत श्रृंखला का निर्माण किया।
⛰️ 3. हिमालय की उत्पत्ति और विशेषताएँ (Formation and Features of Himalayas)
भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव के कारण टेथिस सागर की अवसादी चट्टानें मुड़ गईं और हिमालय तथा पश्चिम एशिया की पर्वत श्रृंखलाएँ विकसित हुईं। हिमालय की स्थलरूप संरचना युवावस्था का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें उच्च शिखर, गहरी घाटियाँ, और तेज़ बहती नदियाँ हैं।
विशेषताएँ:
- हिमालय क्षेत्र में आर्टीजियन कुएँ भी पाए जाते हैं।
🗻 4. उत्तर भारतीय मैदान का निर्माण (Formation of Northern Plain)
टेथिस सागर के उठने और प्रायद्वीपीय पठार के उत्तरी भाग के धंसने के कारण एक बड़े बेसिन का निर्माण हुआ। समय के साथ, इस बेसिन में हिमालय से बहने वाली नदियों के अवसादी निक्षेपों से भरा गया, और इस प्रकार उत्तर भारतीय मैदान का विकास हुआ।
🌋 5. प्रायद्वीपीय पठार और उसकी स्थिरता (Peninsular Plateau and its Stability)
भूवैज्ञानिक दृष्टि से, प्रायद्वीपीय पठार पृथ्वी की सतह का प्राचीन भाग है और यह भारत का सबसे स्थिर क्षेत्र है। यह क्षेत्र आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों से बनी पहाड़ियाँ और चौड़ी घाटियों से मिलकर बना है।
प्रायद्वीपीय पठार की मुख्य विशेषताएँ:
- मेघालय पठार प्रायद्वीपीय पठार का एक विस्तार है, जो मालदा गैप के कारण भारतीय प्रायद्वीप से अलग हो गया था।
- पठार का पश्चिमी तट faulting और धंसाव के कारण बना है।
🗺️ 6. भारत के चार प्राकृतिक क्षेत्र (Four Natural Regions of India)
भारतीय मुख्य भूमि भौतिक संरचना में बड़ी विविधता दिखाती है। इसलिए, भारत को चार मुख्य प्राकृतिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
- उत्तरी पर्वत (Northern Mountains)
- उत्तर के मैदान (Northern Plains)
- प्रायद्वीपीय पठार (Peninsular Plateau)
- तटीय मैदान और द्वीप (Coastal Plains & Islands)
📏 7. भू-आकृतिक विभाजन (Geomorphic Divisions)
चट्टान संरचना, स्थलरूप, और विवर्तनिक गतिविधियों के आधार पर, भारत को चार मुख्य और छह उप-भौतिक भू-आकृतिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:
मुख्य भू-आकृतिक क्षेत्र:
- उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (Northern and North-Eastern Region)
- उत्तर का मैदान (Northern Plain)
- भारतीय मरुस्थल (Indian Desert)
- प्रायद्वीपीय पठार (Peninsular Plateau)
अन्य उप-क्षेत्र:
- तटीय क्षेत्र (Coastal Plain)
- द्वीप समूह (Islands)