पर्वतों के गठन की प्रक्रियाएँ (Processes of Mountain Formation)
ओरोजेनी और प्लेट टेक्टोनिक्स (Orogeny and Plate Tectonics)
पर्वतों का निर्माण भूगर्भीय प्रक्रियाओं से होता है, जिसमें ओरोजेनी और प्लेट टेक्टोनिक्स मुख्य भूमिका निभाते हैं:
- ओरोजेनी (Orogeny):
- यह भूगर्भीय घटना है, जिसमें पर्वतीय श्रृंखलाओं का निर्माण होता है।
- प्लेटों के टकराने और संघनन से यह प्रक्रिया शुरू होती है।
- उदाहरण: हिमालय का निर्माण भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराने से हुआ।
- प्लेट टेक्टोनिक्स:
- पृथ्वी की सतह 7 प्रमुख और कई छोटे प्लेटों से बनी है।
- प्लेटों की गति और परस्पर क्रिया पर्वत निर्माण में महत्वपूर्ण होती है।
- प्रक्रिया: संगमनी सीमा पर टकराव और संघनन से पर्वत बनते हैं।
वलन, भ्रंशन और ज्वालामुखीय गतिविधियाँ (Folding, Faulting, and Volcanic Activities)
पर्वत निर्माण के दौरान वलन, भ्रंशन, और ज्वालामुखीय गतिविधियाँ प्रमुख प्रक्रियाएँ हैं:
- वलन (Folding):
- जब चट्टानों पर दबाव पड़ता है, तो वे मोड़ खाकर वलन बनाती हैं।
- इससे सिंकलाइन और एंटीलाइन जैसी संरचनाएँ बनती हैं।
- उदाहरण: हिमालय और आल्प्स।
- भ्रंशन (Faulting):
- चट्टानों में तनाव के कारण दरारें या भ्रंश बनते हैं।
- भ्रंशन से ब्लॉक पर्वत बनते हैं, जैसे वोस्जेस और ब्लैक फॉरेस्ट।
- ज्वालामुखीय गतिविधियाँ (Volcanic Activities):
- लावा के ठंडा होने से ज्वालामुखीय पर्वत बनते हैं।
- इस प्रक्रिया में बेसाल्टिक और अन्य आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है।
- उदाहरण: माउंट फुजी और माउंट किलिमंजारो।
परीक्षापयोगी तथ्य
- हिमालय का निर्माण 50-60 मिलियन वर्ष पहले टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हुआ।
- ब्लैक फॉरेस्ट और वोस्जेस ब्लॉक पर्वत हैं, जो भ्रंशन के कारण बने।
- वलन पर्वत मुख्य रूप से संगमनी प्लेट सीमाओं पर बनते हैं।
- माउंट फुजी एक सक्रिय ज्वालामुखी है और जापान का सबसे ऊंचा पर्वत है।
- ज्वालामुखीय गतिविधियों से बनने वाले पर्वत कृषि के लिए उपजाऊ मिट्टी प्रदान करते हैं।