मृदा संरक्षण (Soil Conservation)
🌿 1. मृदा क्षरण (Soil Degradation)
मृदा क्षरण मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरता में कमी का संकेत है। यह प्राकृतिक और मानव निर्मित गतिविधियों के कारण होता है।
⚠️ 2. मृदा क्षरण के कारण (Causes of Soil Degradation)
- जल अपरदन: वर्षा और बाढ़ के कारण मिट्टी का कटाव।
- वायु अपरदन: तेज़ हवाओं के कारण मिट्टी का उड़ना।
- वनों की कटाई: वृक्षों की कमी से मिट्टी का संरक्षण घटता है।
- अत्यधिक चराई: पशुओं द्वारा अत्यधिक चराई से मिट्टी की गुणवत्ता घटती है।
- रासायनिक उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग: मिट्टी की संरचना और जैव विविधता पर नकारात्मक प्रभाव।
- खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ: मिट्टी का प्रदूषण और संरचना में परिवर्तन।
🌱 3. मृदा संरक्षण के उपाय (Soil Conservation Measures)
3.1 कृषि संबंधित उपाय
- समोच्च जुताई (Contour Ploughing): ढलानों पर समोच्च रेखाओं के साथ जुताई।
- आड़ी खेती (Strip Cropping): फसलों को आड़ी पट्टियों में लगाना।
- रक्षा पट्टियाँ (Shelter Belts): हवाओं को रोकने के लिए वृक्षों की पंक्तियाँ लगाना।
- फसल चक्र (Crop Rotation): विभिन्न फसलों को बदल-बदल कर उगाना।
- कवच फसलें (Cover Crops): मिट्टी को ढकने के लिए फसलों को उगाना।
3.2 संरचनात्मक उपाय
- टैरस खेती (Terrace Farming): पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेत बनाना।
- बांध और चेक डैम: जल के प्रवाह को नियंत्रित करना।
- नहर और जल निकासी प्रणाली: जलभराव को रोकना।
3.3 वनरोपण और वृक्षारोपण
- वृक्षों और पौधों को लगाना जो मिट्टी को बांधे रखते हैं।
- वनों की कटाई को रोकना और नए जंगलों का विकास।
3.4 सामाजिक और प्रशासनिक उपाय
- जन जागरूकता अभियान: मृदा संरक्षण के महत्व को समझाना।
- कानूनी प्रावधान: मृदा संरक्षण के लिए नियम और कानून बनाना।
- प्रोत्साहन योजनाएँ: किसानों को मृदा संरक्षण के लिए प्रोत्साहन देना।
📜 4. भारत में मृदा संरक्षण की पहल (Soil Conservation Initiatives in India)
- मृदा संरक्षण अधिनियम, 1952: मृदा संरक्षण के लिए कानूनी प्रावधान।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी देना।
- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना: मृदा संरक्षण और कृषि विकास को बढ़ावा देना।
- जल संरक्षण अभियान: जल और मिट्टी के संरक्षण के लिए कार्यक्रम।
📚 5. परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य (Important Facts for Exams)
- मिट्टी के क्षरण का सबसे बड़ा कारण: जल अपरदन
- समोच्च जुताई और टैरस खेती: ढलान वाले क्षेत्रों में मृदा संरक्षण के लिए
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का शुभारंभ: 2015
- मिट्टी विज्ञान का अध्ययन: पेडोलॉजी
- भारत में कुल भूमि का लगभग 45% हिस्सा मिट्टी क्षरण से प्रभावित है।
🌍 6. मृदा संरक्षण का महत्व (Importance of Soil Conservation)
- कृषि उत्पादकता को बनाए रखना।
- पर्यावरणीय संतुलन और जैव विविधता की रक्षा।
- जल संसाधनों का संरक्षण।
- भूमि के अपक्षय को रोकना।
- भविष्य की पीढ़ियों के लिए संसाधनों का संरक्षण।
⚙️ 7. मृदा संरक्षण में नई तकनीकें (New Technologies in Soil Conservation)
- जैविक खेती: रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक उर्वरकों का उपयोग।
- शून्य जुताई (Zero Tillage): मिट्टी की संरचना को बचाए रखने के लिए।
- माइक्रो इरीगेशन: जल और मिट्टी का कुशल उपयोग।
- जियोस्पेशियल तकनीक: मिट्टी के क्षरण की निगरानी और प्रबंधन।
मृदा संरक्षण (Soil Conservation) Quiz
1. मृदा अपरदन को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका क्या है? (UPSC प्रारंभिक परीक्षा, 2016)
उत्तर: (b) वृक्षारोपण
वृक्षारोपण मृदा अपरदन को रोकने का प्रभावी तरीका है, क्योंकि पेड़ों की जड़ें मिट्टी को पकड़कर रखती हैं और जल बहाव को कम करती हैं।
2. खेतों में किस पद्धति से मृदा संरक्षण किया जा सकता है? (SSC CGL परीक्षा, 2018)
उत्तर: (c) कंटूर जुताई
कंटूर जुताई पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकने के लिए उपयोगी है, क्योंकि यह पानी के बहाव को कम करती है।
3. किस विधि से पहाड़ी क्षेत्रों में मृदा संरक्षण किया जा सकता है? (राज्य पीसीएस परीक्षा, 2019)
उत्तर: (a) सीढ़ीनुमा खेती
पहाड़ी क्षेत्रों में सीढ़ीनुमा खेती मृदा अपरदन को कम करने के लिए प्रभावी है, क्योंकि इससे मिट्टी का बहाव रुकता है।
4. वनीकरण का मृदा संरक्षण में क्या योगदान है? (UPSC प्रारंभिक परीक्षा, 2017)
उत्तर: (c) मिट्टी को कटाव से बचाता है
वनीकरण मृदा संरक्षण में सहायक होता है, क्योंकि पेड़ मिट्टी को पकड़कर कटाव से बचाते हैं।
5. भारत में मृदा अपरदन का मुख्य कारण क्या है? (SSC CHSL परीक्षा, 2020)
उत्तर: (b) वनों की कटाई
भारत में वनों की कटाई मृदा अपरदन का प्रमुख कारण है, क्योंकि पेड़ों के कटने से मिट्टी अस्थिर हो जाती है।
6. कौन सा तरीका मृदा में नमी को बनाए रखने में सहायक होता है? (राज्य पीसीएस परीक्षा, 2018)
उत्तर: (b) मल्चिंग
मल्चिंग के माध्यम से मिट्टी पर जैविक सामग्री डालकर नमी को बनाए रखा जाता है, जिससे मृदा का संरक्षण होता है।
7. जल संरक्षण के माध्यम से मृदा अपरदन को किस प्रकार कम किया जा सकता है? (SSC CGL परीक्षा, 2019)
उत्तर: (b) भूजल रिचार्ज
भूजल रिचार्ज से मृदा अपरदन कम होता है, क्योंकि इससे नमी बरकरार रहती है और कटाव की संभावना घटती है।
8. मृदा संरक्षण में जैविक सामग्री का उपयोग किस रूप में किया जा सकता है? (UPSC प्रारंभिक परीक्षा, 2015)
उत्तर: (a) खाद
जैविक सामग्री के रूप में खाद का उपयोग मिट्टी को उपजाऊ बनाने और कटाव रोकने के लिए किया जा सकता है।
9. किस प्रकार की खेती मृदा संरक्षण में सहायक होती है? (राज्य पीसीएस परीक्षा, 2019)
उत्तर: (d) फसल चक्रण
फसल चक्रण मृदा में पोषक तत्वों की बहाली में सहायक होता है, जो मृदा संरक्षण में सहायक है।
10. मृदा संरक्षण के लिए कौन सा तकनीक जल धारण क्षमता को बढ़ाने में सहायक है? (SSC CHSL परीक्षा, 2021)
उत्तर: (a) बंधों का निर्माण
बंधों के निर्माण से जल धारण क्षमता बढ़ती है, जो मृदा संरक्षण में सहायक होता है।