ज्वालामुखी की संरचना (Structure of a Volcano)
मुख्य भाग (Main Parts)
ज्वालामुखी की संरचना के तीन मुख्य भाग होते हैं:
- ज्वालामुखी मुख (Vent): यह वह बिंदु है जहां से मैग्मा सतह पर निकलता है। यह ज्वालामुखी का मुख्य निकास मार्ग है।
- नली (Conduit): यह एक लंबा, संकीर्ण मार्ग होता है जो लावा और गैसों को सतह तक पहुंचाता है।
- लावा चेंबर (Magma Chamber): यह ज्वालामुखी के नीचे स्थित एक बड़ा क्षेत्र है जहां मैग्मा जमा होता है।
ज्वालामुखीय सामग्री (Volcanic Materials)
ज्वालामुखी से निकलने वाली सामग्री को मुख्य रूप से तीन भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- लावा (Lava): जब मैग्मा सतह पर आता है, तो इसे लावा कहा जाता है। यह गर्म तरल या अर्ध-तरल अवस्था में होता है और ठंडा होकर आग्नेय शैलों का निर्माण करता है।
- राख (Ash): ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान निकलने वाले महीन कण और धूल को राख कहते हैं। यह वायुमंडल में दूर तक फैल सकती है।
- गैसें (Gases): ज्वालामुखी से निकलने वाली गैसों में मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), और जल वाष्प (H₂O) होती हैं।
परीक्षापयोगी तथ्य
- लावा का तापमान आमतौर पर 700°C से 1200°C तक होता है।
- ज्वालामुखीय राख वायुमंडल में कई किलोमीटर तक फैल सकती है और जलवायु को प्रभावित कर सकती है।
- लावा के ठंडा होने से बेसाल्ट और ऑब्सीडियन जैसी आग्नेय शैलें बनती हैं।
- ज्वालामुखीय गैसें ग्लोबल वार्मिंग और अम्लीय वर्षा का कारण बन सकती हैं।
- लावा चेंबर का दबाव बढ़ने से ज्वालामुखीय विस्फोट होता है।