ज्वालामुखी के प्रकार (Types of Volcanoes)
सक्रिय, सुप्त और मृत ज्वालामुखी (Active, Dormant, Extinct Volcanoes)
ज्वालामुखी को उनकी गतिविधि के आधार पर तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है:
- सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcanoes): वे ज्वालामुखी जो नियमित रूप से विस्फोट करते हैं या हाल ही में विस्फोट कर चुके हैं।
- उदाहरण: माउंट एटना (इटली), बैरन द्वीप (भारत)।
- सुप्त ज्वालामुखी (Dormant Volcanoes): वे ज्वालामुखी जो लंबे समय से निष्क्रिय हैं लेकिन भविष्य में सक्रिय हो सकते हैं।
- उदाहरण: माउंट फुजी (जापान)।
- मृत ज्वालामुखी (Extinct Volcanoes): वे ज्वालामुखी जो अब कभी भी सक्रिय नहीं होंगे।
- उदाहरण: माउंट किलिमंजारो (तंज़ानिया)।
संरचना के आधार पर ज्वालामुखी (Types Based on Structure)
ज्वालामुखी को उनकी संरचना और विस्फोट के तरीके के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है:
- शील्ड ज्वालामुखी (Shield Volcano): ये चौड़े और ढलवां होते हैं। इनसे लावा धीरे-धीरे और लंबे समय तक बहता है।
- उदाहरण: मौना लोआ (हवाई)।
- कम्पोजिट ज्वालामुखी (Composite Volcano): इन्हें स्ट्रैटोवोल्केनो भी कहा जाता है। ये परतदार होते हैं और विस्फोटक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं।
- उदाहरण: माउंट वेसुवियस (इटली)।
- कोन ज्वालामुखी (Cinder Cone Volcano): ये छोटे और संकीर्ण होते हैं और मुख्यतः राख और गैसों के विस्फोट से बनते हैं।
- उदाहरण: पारिकूटिन (मैक्सिको)।
परीक्षापयोगी तथ्य
- माउंट एटना दुनिया का सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है।
- शील्ड ज्वालामुखी में लावा का प्रवाह तेजी से होता है लेकिन विस्फोट कम विनाशकारी होते हैं।
- कम्पोजिट ज्वालामुखी विस्फोटक गतिविधियों और राख के व्यापक फैलाव के लिए प्रसिद्ध हैं।
- भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी: बैरन द्वीप।
- सुप्त ज्वालामुखी पुनः सक्रिय हो सकते हैं, इसलिए इनका अध्ययन महत्वपूर्ण है।